लखनऊ: जीवा की हत्या के बाद विजय को निपटाने की थी तैयारी! जांच में सामने आई चौंकाने वाली बातें
एससी/एसटी कोर्ट में बुधवार को पेशी के दौरान संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड की जांच पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसियां भी कर रही हैं। पुलिस की पूरी तफ्तीश हत्या के आरोप में पकड़े गए जौनपुर निवासी विजय के बयान पर टिकी हैं।
पुराने हाई कोर्ट परिसर में पांच दिन पहले मुख्तार के शूटर रहे जीवा की गोली मारकर हत्या करने वाले विजय को भी मौके पर ही निपटाने की तैयारी थी। जांच एजेंसियों को अब तक की छानबीन में कुछ ऐसे ही सुराग मिले हैं। सूत्रों के अनुसार मौके पर वकील के कपड़ों में शख्स मौजूद था, जिसे जीवा की हत्या के बाद पूरे मामले पर पर्दा डालने के लिए विजय को मारने का जिम्मा सौंपा गया था। हालांकि वारदात के बाद बने हालात और अधिवक्ताओं के जुटने से संदिग्ध अपने मंसूबे पूरे नहीं कर सका। अब जांच एजेंसियां मौके से बच निकले संदिग्ध के बारे में पड़ताल की जा रही है।
एससी/एसटी कोर्ट में बुधवार को पेशी के दौरान संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड की जांच पुलिस के अलावा खुफिया एजेंसियां भी कर रही हैं। पुलिस की पूरी तफ्तीश हत्या के आरोप में पकड़े गए जौनपुर निवासी विजय के बयान पर टिकी है। वहीं सुरक्षा एजेंसियां कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही हैं। एजेंसी सूत्रों के अनुसार कोर्ट में वारदात के दौरान विजय के साथ एक और शख्स वकील की वेशभूषा में मौजूद था। दरअसल वह विजय को बैकअप दे रहा था, लेकिन आकाओं ने जीवा की हत्या के बाद उसे विजय को भी रास्ते से हटाने के निर्देश दे रखे थे। बताया जा रहा है कि उसने विजय पर हमला भी किया, लेकिन वकीलों और पुलिसकर्मियों के पहुंचने से मकसद में कामयाब नहीं हो सका। इसके बाद जुटे वकीलों की भीड़ में शामिल होकर मौके से बच निकला। जांच एजेंसियां अब उसके बारे में छानबीन कर रही हैं।
संपत्तियों संग खंगाला जा रहा कॉल रेकॉर्ड
जांच एजेंसी के संदेह के घेरे में आए शख्स की संपत्तियों के ब्योरे संग कॉल रेकॉर्ड भी खंगाल रही हैं। सूत्रों के अनुसार संदेह के घेरे में आया शख्स दरअसल जीवा को हटाने के बाद अपना साम्राज्य खड़ा करना चाहता था। हालांकि जीवा के रहते तक हमेशा आगे-पीछे ही घूमना पड़ता था। बताया जा रहा है कि जीवा उस पर बहुत भरोसा भी करता था। इसीलिए हत्या की साजिश रचने वालों ने जीवा के करीबी को ही मोहरा बनाया। इस इनपुट की पुष्टि के लिए जांच एजेंसियां उसका कॉल रेकॉर्ड भी खंगाल रही हैं।
बाराबंकी केस को लेकर भी हो रही छानबीन
बाराबंकी की जिस प्रॉपर्टी को लेकर जीवा ने 2015 में गोमतीनगर के हुसेड़िया के पास पिंटू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में भी छानबीन चल रही है। दरअसल इसी केस में जीवा बुधवार को एससी/एसटी कोर्ट में पेशी पर आया था। मामला पांच बीघा जमीन से जुड़ा है, जिसे जीवा के गिरोह ने कब्जाने के साथ ही दाखिल खारिज भी करवा लिया था। हालांकि जमीन के मालिक सत्यप्रकाश ने बाद में कोर्ट में कैंसिलेशन दाखिल कर दिया था। जीवा की हत्या के बाद उसके गुर्गे इसी प्रॉपर्टी को हड़पने की फिराक में जुट गए हैं। इसे देखते ही जमीन के मुद्दे को लेकर भी जांच हो रही है।
दूसरे असलहे के इस्तेमाल पर चुप्पी
जीवा की हत्या में सिर्फ एक असलहे का इस्तेमाल हुआ या अधिक का? इस सवाल पर पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। पुलिस का तर्क है कि एफएसएल की रिपोर्ट के बाद ही सच सामने आएगा। फिलहाल एफएसएल की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में है। सूत्रों के अनुसार जीवा को छह गोलियां लगी थीं। इसके अलावा तीन पुलिसकर्मी, एक महिला और एक बच्ची भी गोली लगने से घायल है। जीवा के शरीर में लगी छह गोलियों से पांच गोलियां निकलकर बाकी लोगों को धंस गईं, यह बात भी जांच एजेंसियों के गले नहीं उतर रही है। ऐसे में पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि वारदात में कहीं एक से अधिक असलहों का इस्तेमाल तो नहीं हुआ।