बाहुबली मुख्तार अंसारी पर बड़ी कार्रवाई, अब लखनऊ के पॉश इलाके में 8 करोड़ की संपत्ति कुर्क
मुख्तार अंसारी पर योगी सरकार में लगातार कार्रवाई का क्रम जारी है। हाल में मुख्तार अंसारी को कोर्ट से 10 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं अब अंसारी की करीब 8 करोड़ की संपत्ति लखनऊ में कुर्क की गई है। ये डालीबाग स्थित दो प्लॉट हैं, जो कि परिवार के नाम पर दर्ज थे।
उत्तर प्रदेश में संगठित गिरोह और माफियाओं के खिलाफ शिकंजा जारी है। सीएम योगी के नेतृत्व में लगातार मुख्तार अंसारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शनिवार को हजरतगंज कोतवाली के अंतर्गत डालीबाग स्थित दो प्लॉट पर कुर्की की कार्रवाई गई है। यह दोनों भूखंड करीब 618 वर्ग मीटर के हैं। गाजीपुर और हजरतगंज पुलिस की मौजूदगी में करीब 8 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया गया है। पुलिस के मुताबिक मुख्तार अंसारी ने अपनी मां राबिया खातून उर्फ राबिया बेगम और फहमीना अंसारी के नाम पर दोनों भूखंड खरीद लिए थे।
मोहमदाबाद सीओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्तियों पर कुर्की की कार्रवाई की किया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्तार ने अवैध रूप से धन अर्जित कर इन संपत्तियों को खरीदा था, जिसे जिला मजिस्ट्रेट गाजीपुर के आदेश पर कुर्क किया गया है। अब ये दोनों संपत्तियां हजरतगंज पुलिस की देखरेख में रहेंगी। अगर कोई भी व्यक्ति इन प्लॉटों पर किसी भी तरह का निर्माण करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा
बीते गुरुवार को गाजीपुर की अदालत ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई थी। माफिया मुख्तार अंसारी पर दिल्ली से लेकर गाजीपुर और वाराणसी तक गैंगस्टर एक्ट समेत संगीन धाराओं में करीब 60 मुकदमे दर्ज हैं। पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके गिरोह की दहशत तीन दशक तक व्यापारियों और उद्यमियों में भी खूब थी। भेलूपुर के कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा को अगवा कर हत्या की वारदात ने तो कारोबारियों में खौफ पैदा कर किया था।