पुरानी पेंशन बहाली के लिए 30 अक्तूबर से आंदोलन, विधान सभा का होगा घेराव
पुरानी पेंशन बहाली के लिए 30 अक्तूबर से दो नवंबर तक सांसदों के नाम खुला पत्र जारी कर उन्हें दिया जाएगा। सात नवंबर को जिला मुख्यालयों पर धरना देकर राज्यपाल व सीएम के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।
प्रदेश भर में पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों का आंदोलन तेज हो रहा है। संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (एस-4) ने शनिवार को आयोजित संकल्प सम्मेलन में इसके लिए 30 अक्तूबर से चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की है। साथ ही ओपीएस समाप्त करने, संविदा, मानदेय, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नियमितीकरण का भी मुद्दा उठाया है।
धरना देकर राज्यपाल व सीएम को दिया जाएगा ज्ञापन
सहकारिता भवन में आयोजित सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ उपाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए 30 अक्तूबर से दो नवंबर तक सांसदों के नाम खुला पत्र जारी कर उन्हें दिया जाएगा। सात नवंबर को जिला मुख्यालयों पर धरना देकर राज्यपाल व सीएम के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। 29 नवंबर को जिला मुख्यालय पर मोटरसाइकिल रैली व मंडल मुख्यालयों पर सम्मेलन होगा। 15 दिसंबर को पीएम, वित्त मंत्री व केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा और लखनऊ में विधान भवन के चारों ओर मानव श्रृंखला बनाई जाएगी। 16 जनवरी को विधान भवन पर प्रदर्शन करेंगे।
महासचिव आरके निगम ने कहा कि संविदा कर्मियों व शिक्षकों के नियमितीकरण व न्यूनतम वेतन 18 हजार करने, निजीकरण प्रथा समाप्त कर चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की भर्ती पर लगी रोक हटाई जाए। निर्वाचित पदाधिकारियों के स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए। उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने बताया कि सम्मेलन में घोषित आंदोलन को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद समेत विभिन्न कर्मचारी-शिक्षक संगठनों ने समर्थन भी दिया है। सम्मेलन को तेज बहादुर शर्मा, मंसूर आलम अंसारी, पंकज यादव, आरके वर्मा, द्वारिका पांडेय, मुकेश द्विवेदी, केके मिश्रा, दिनेश रावत समेत कई ने संबोधित किया।
पुरानी पेंशन की बहाली के लिए तीन नवंबर को दिल्ली में महारैली
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की ओर से तीन नवंबर को दिल्ली में पुरानी पेंशन बहाली समेत कई मांगों के समर्थन में महारैली होगी। इसकी सफलता के लिए महासंघ ने शनिवार को स्थानीय निकाय निदेशालय में गोष्ठी कर कर्मचारियों को जागरूक किया और रैली में शामिल होने का आह्वान किया।
गोष्ठी में महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश मिश्रा ने कहा कि महारैली के बाद भी सरकार नहीं चेती तो कर्मचारी कड़े फैसले लेने को मजबूर होंगे। उन्होंने बताया कि महारैली में कर्मचारियों-शिक्षकों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाने, आठवें वेतन आयोग के गठन, संविदा व्यवस्था समाप्त करने, कोरोना काल में फ्रीज डीए व डीआर को बहाल करने समेत कई मांगें उठाई जाएंगी। मिनिस्टीरियल फेडरेशन के अध्यक्ष दिवाकर सिंह ने बताया कि महारैली में केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी-शिक्षक व आउटसोर्सिंग कार्मिक भी शामिल होंगे। गोष्ठी को हेमंत सिंह खड़का, विनोद बुद्धि राम, संदीप पांडेय, कमलेश मिश्रा, देवेंद्र यादव, धर्मेंद्र प्रताप सिंह, अफीफ सिद्दीकी व अमित शाही ने भी संबोधित किया।