उत्तर-प्रदेश: लखनऊ से लखीमपुर ठग को अगवा कर 20 लाख की मांगी फिरौती, पांच गिरफ्तार
नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये ठगने वाले एक शातिर को पीड़ित युवक सुशांत गोल्फ सिटी से अगवा कर ले गए। लखीमपुर ले जाकर उसे घर में बंधक बनाकर रखा और उसकी पत्नी को फोन कर 20 लाख रुपये फिरौती मांगी।
नौकरी के नाम पर 20 लाख रुपये ठगने वाले एक शातिर को पीड़ित युवक सुशांत गोल्फ सिटी से अगवा कर ले गए। लखीमपुर ले जाकर उसे घर में बंधक बनाकर रखा और उसकी पत्नी को फोन कर 20 लाख रुपये फिरौती मांगी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू की। सर्विलांस की मदद से बुधवार रात लखीमपुर से अपहृत शख्स को मुक्त कराकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बृहस्पतिवार को पुलिस ने प्रेसवार्ता कर वारदात का खुलासा किया।
मूल रूप से मिर्जापुर निवासी प्रखर सेठ अपने परिवार के साथ सुशांत गोल्फ सिटी के अलकनंदा अपार्टमेंट के टॉवर नंबर-6 के फ्लैट नंबर 802 में रहता है। उसकी पत्नी ऋचा सेठ ने सात नवंबर की रात दस बजे थाने में एफआईआर दर्ज कराई। जिसमें बताया कि पति प्रखर दोपहर दो बजे किसी से मिलने की बात कहकर निकले थे मगर लौटे नहीं। पति के ही मोबाइल से एक शख्स ने कॉल कर 20 लाख रुपये फिरौती मांगी है।
डीसीपी साउथ विनीत जायसवाल ने बताया कि सर्विलांस की मदद से तफ्तीश शुरू कर लखीमपुर के लौसी गोपालपुर में एक घर में दबिश दी गई। जहां से प्रखर सेठ को सुरक्षित मुक्त कराया गया। साथ ही आरोपी विकास बाबू, विनोद कुमार, शाबान और सगे भाई आमिर व जमशेद को गिरफ्तार किया गया। बृहस्पतिवार को पांचों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रखर ने नौकरी का झांसा देकर विकास, विनोद, आमिर व जमशेद से कुल 20 लाख रुपये लिए थे। किसी को नगर निगम तो किसी को एफसीआई में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। जब नौकरी नहीं मिली तो ये सभी प्रखर से रकम वापस मांग रहे थे। सात नवंबर को प्रखर ने इन सभी को पैसे वापस करने के लिए सुशांत गोल्फ सिटी इलाके के एक मॉल में बुलाया। जहां उक्त चारों लोगों के साथ शाबान भी था। प्रखर वहां पहुंचा तो रकम लौटाने में टालमटोल करने लगा। इस पर पांचों लोग कार में प्रखर को उठाकर लखीमपुर चले गए थे।
डीसीपी ने बताया कि आरोपी प्रखर को लेकर पहले कचहरी गए थे। वहां प्रखर जब लिखापढ़ी करने के लिए राजी नहीं हुआ तो उसे लखीमपुर ले गए। पहले वह लखीमपुर के सरइया में जमशेद के घर ले गए। दूसरे दिन गोपालपुर में अपने परिचित नाजिम के बंद मकान में ले जाकर उसे पीटा और बंधक बना लिया था। इसी मकान से ही आरोपियों ने प्रखर के मोबाइल से ऋचा को कॉल कर रकम मांगी थी। पुलिस को ये लोकेशन मिल गई थी। जिसके चलते आरोपियों को दबोचकर प्रखर को मुक्त कराने में सफलता मिली।
अपहरण की वारदात से प्रखर सेठ की ठगी के खेल का भी राजफाश हो गया। व्हाट्सएप चैट में उसके खिलाफ ठगी के ठोस सुबूत मिले हैं। प्रखर ने सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। अब तक पुलिस को 20 पीड़ितों के बारे में जानकारी मिली है। पुलिस शिकायतों के आधार पर प्रखर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है।
डीसीपी साउथ विनीत जायसवाल ने बताया कि प्रखर सेठ के व्हाट्सएप पर 20 लोगों से की गई चैट देखी गई तो पता चला कि वो सभी उससे अपनी रकम का तगादा कर रहे हैं। पूछताछ में प्रखर ने कबूलते हुए बताया कि इन सभी से उसने नौकरी दिलाने के नाम पर रकम ले रखी है। नौकरी का झांसा देकर वह दो से पांच लाख रुपये तक लेता था।
डीसीपी के मुताबिक मामले की जानकारी होने पर ठगी के शिकार कई लोगों ने थाने पहुंचकर तहरीर दी है। शिकायतों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रखर खुद को एक निजी फाइनेंस कंपनी का मैनेजर बताता था। कइयों को वह कंपनी में एचआर हेड भी बताता था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रखर जिन लोगों को नौकरी का झांसा देकर जाल में फंसाता, उन्हें बाकायदा नियुक्ति पत्र भी दे देता था। यही नहीं एक-दो महीने तक 10-15 हजार रुपये वेतन बताकर उनको भुगतान भी कर देता था, फिर मोबाइल बंद कर लेता था। नगर निगम में सुपरवाइजर बनवाने का झांसा देकर उसने जिन युवकों को ठगा, उनसे साफ-सफाई की फोटो भी व्हाट्सएप पर मंगवाई थी।