लखनऊ : LDA ने 4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई
अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी जगह के नक्शे LDA से पास होंगे। पूरे लखनऊ वासियों से सुख सुविधा शुल्क भी लिया जाएगा। प्राधिकरण ने अपने तीन फ्लैट्स के रेट भी 4 से 10 लाख रुपए तक कम किए हैं।
अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी जगह के नक्शे LDA से पास होंगे। पूरे लखनऊ वासियों से सुख सुविधा शुल्क भी लिया जाएगा। प्राधिकरण ने अपने तीन फ्लैट्स के रेट भी 4 से 10 लाख रुपए तक कम किए हैं।
शुक्रवार को LDA की बोर्ड बैठक में ये फैसला लिया गया है। अब इस प्रस्ताव को शासन में भेजा जाएगा। वहां से सहमति आने के बाद मास्टर प्लान 2031 में बदलाव किया जाएगा। हालांकि जब तक यह प्रोसेस हो पूरा नहीं हो जाता, अभी पुराने सिस्टम पर काम होता रहेगा।
156 फ्लैटों की कीमत कम किए
LDA ने अपने तीन अपार्टमेंट के कुल 156 फ्लैटों की कीमत में भारी कटौती की है। शारदा नगर योजना स्थित रश्मिलोक, अलीगंज योजना स्थित अनुभूति और प्रियदर्शिनी योजना स्थित सृजन अपार्टमेंट के फ्लैटों की कीमत 4 लाख से लेकर 10 लाख रुपए तक कम की हैं। लोग 20.97 लाख से लेकर 62.40 लाख रुपए में 48.50 वर्गमीटर से लेकर 138.70 वर्गमीटर क्षेत्रफल के 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके का फ्लैट ले सकेंगे।
200 प्रति वर्ग मीटर सुविधा शुल्क लगेगा
पूरे शहर में लखनऊ विकास प्राधिकरण अब कोई भी नक्शा पास करेगा तो उसमें 200 प्रति वर्ग मीटर का सुविधा शुल्क लेगा। महानगर क्षेत्र में कहीं भी नक्शा पास कराने के लिए सुख-सुविधा शुल्क जमा करना होगा। गोमती नदी किनारे निर्माणाधीन ग्रीन कॉरिडोर निर्माण में आने वाले खर्च को इस मद से निकाला जाएगा।
अभी तक यह शुल्क ग्रीन कॉरिडोर, शहीद पथ व किसान पथ के दोनों तरफ 2.5-2.5 किलोमीटर के दायरे में ही लागू था। 550 रुपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से विशेष सुख-सुविधा शुल्क लिया जाता है। मगर बोर्ड ने फैसला लिया है कि इसे पूरे विकास क्षेत्र में लागू किया जाए।
इसे ध्यान में रखते हुए अब पूरे प्राधिकरण विकास क्षेत्र में प्रस्तावित, मानचित्रों पर सुख-सुविधा शुल्क लिया जाएगा। हालांकि इसकी दर को घटाकर 200 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है। इसके अलावा विकास शुल्क की दर 2245 रुपए प्रति वर्गमीटर को बढ़ाकर 2360 रुपए प्रति वर्गमीटर किया गया है।
ग्रीन कॉरिडोर के लिए जमीन का अधिग्रहण
ग्रीन कॉरिडोर का अंतिम छोर इकाना स्टेडियम होगा। राज्य सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ग्रीन कॉरिडोर के काम को तेजी से करने के लिए एलडीए पुलिस मुख्यालय से लेकर इकाना स्टेडियम के बीच की जमीन का अधिग्रहण करेगा। ग्रीन कॉरिडोर के लिए जिनकी जमीन ली जाएगी, उनको मुआवजे के बजाय क्षतिपूर्ति के तीन विकल्प दिए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो गया है।
लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई
लंदन में टेम्स नदी के किनारे जिस तरह से 'लंदन आई' विशालकाय झूला बनाया गया है। ठीक उसी तरह से लखनऊ में गोमती रिवरफ्रंट पर भी 'लखनऊ आई' नाम से बड़ा झूला लगाया जाएगा। जिसके लिए आरएफपी (रिक्यूवेस्ट फॉर प्रपोजल) प्रक्रिया शुरू करने के लिए बोर्ड से मंजूरी मिल गई है।
इसे पीपीपी मोड पर डेवलप किया जाएगा। झीलों को बेहतर बनाने के लिए एक्सपर्ट फर्म की मदद ली जाएगी। प्रवर्तन दल में तैनात सुरक्षाकर्मियों को सीधे उनके खाते में वेतन का भुगतान किया जाएगा। इसके साथ ही संविदा पर 18 इंजीनियरों की भर्ती के प्रस्ताव को भी पास कर दिया गया है।
12 मीटर व इससे चौड़ी सड़क पर बना सकेंगे अपार्टमेंट
एलडीए बोर्ड ने एक से अधिक भूखंडों को जोड़ कर निर्माण करने की अनुमति दी है। जिन कॉलोनियों का लेआउट पास नहीं है। उनका भी नक्शा पास किया जाएगा। हालांकि आवासीय के लिए सर्किल रेट एक प्रतिशत और व्यावसायिक निर्माण के लिए 3 प्रतिशत शुल्क देना होगा।
अब शहर में 300 वर्ग मीटर व इससे बड़े भूखंडों में फ्लैट निर्माण की अनुमति मिल सकेगी। 12 मीटर व इससे चौड़ी सड़क के किनारे के भूखण्ड पर तीन मंजिला फ्लैट बना सकेंगे। इसके लिए कम से कम 300 वर्गमीटर का भूखण्ड होना जरूरी होगा। इसका नक्शा पास कराने वालों को विकास शुल्क के अलावा हर मंजिल के लिए लगभग 1.17 लाख रुपए अतिरिक्त शुल्क देना होगा।
अविकसित क्षेत्र में बढ़ाया गया एफएआर
अविकसित क्षेत्र में देय एफएआर के अनुसार प्राधिकरण की ओर से विकसित योजनाओं में खाली पड़े भूखण्डों के निस्तारण के लिए समतुल्य एफएआर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव पास किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार लखनऊ में कई योजनाएं विकसित की गयी हैं।
इन योजनाओं में प्राधिकरण की ओर से आवासीय, ग्रुप हाउसिंग, व्यवसायिक, सामुदायिक सुविधाएं आदि भूखण्ड डेवलप किए गए हैं। प्राधिकरण योजनाओं के बढ़े क्षेत्रफल के ग्रुप हाउसिंग, व्यवसायिक, सामुदायिक सुविधाएं आदि के भूखण्ड भवन निर्माण एवं विकास उपविधि के प्राविधानों के अनुसार विकसित क्षेत्र में स्थित होने के कारण कई बार विज्ञापन देने के बावजूद भी बिक नहीं पा रहे हैं।
कानपुर रोड पर विद्युत उपकेन्द्र के लिए दी जमीन
सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि कानपुर रोड योजना में बिजली की समस्या को देखते हुए 33/11 केवी का नया विद्युत उपकेन्द्र बनाने के लिए सेक्टर-बी में फीनिक्स मॉल के पास 2434.92 वर्गमीटर जमीन लीज पर दी जाएगी। प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी गयी है।
एक अगस्त से पेपरलेस हो जायेगा एलडीए
एलडीए में 15 जुलाई से ई-ऑफिस प्रणाली लागू होगी। अब एक अगस्त से सारा काम पेपरलेस हो जाएगा। इससे सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज डिजिटल रिकॉर्ड में रहेंगे। इससे फाइलों के गायब होने या नष्ट होने की संभावना नहीं रहेगी।
वहीं इससे यह भी पता चल सकेगा कि कौन सी फाइल-किस पटल पर-कितने दिन रुकी रही। इससे कार्यों को रोके रखने वाले कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय हो सकेगी और लोगों को अपना काम कराने के लिए विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।