लखनऊ: छह साल के मासूम की केबिल से गला घोंटकर हत्या के बाद खुद भी फांसी पर लटका पिता
गोसाईंगंज में एक पिता ने अपने छह साल के बच्चे की केबिल से गला घोंटकर हत्या करने के बाद खुद भी फांसी लगाकर जान दे दी। बेटी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई।
राजधानी लखनऊ के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के अमेठी कस्बा स्थित मुंशीगंज निवासी विनोद यादव (43) ने मासूम बेटे की हत्या करने के बाद बेटी को भी मारने का प्रयास किया। बेटी किसी तरह जान बचाकर भागी और पड़ोसियो को बताया। बेटे की हत्या के बाद आरोपी पिता ने भी फंदे से लटककर जान दे दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने पिता पुत्र के शव कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।
प्रभारी निरीक्षक गोसाईंगंज दीपक पाण्डेय के मुताबिक विनोद यादव प्राइवेट वाहन चलाता है। रविवार रात को खाना खाकर विनोद बेटे श्याम सुंदर (6) व बेटी मानवी (8) के साथ सो गया। सोमवार सुबह करीब पांच उठा और सो रहे बेटे की केबिल तार से गला दबाकर हत्या कर दी। भाई की चीखें सुनकर मानवी भी जग गई और पिता को रोकने का प्रयास किया।
बेटे को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी ने बेटी को भी मारने का प्रयास किया लेकिन बेटी किसी तरह जान बचाकर भाग गई। इसी बीच आरोपी पिता ने भी कमरे में दीवार के रोशनदान से केबिल के तार से लटककर आत्महत्या कर ली। मानवी ने भागकर पड़ोसियो को वारदात की जानकारी दी।
सूचना पाकर इंस्पेक्टर दीपक पाण्डेय पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आरोपी पिता का शव नीचे उतारकर बेटे के शव के साथ पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस को मौके पर एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस मामले की जांच मे जुटी है।
जमीन में हिस्सा न मिलने से था नाराज
पैतृक जमीन में हिस्सा न मिलने से विनोद नाराज था। इसका खुलासा मौके पर मिले सुसाइड नोट से हुआ। पुलिस ने बताया कि मृतक ने सुसाइड नोट मे लिखा है कि पिता के पास करीब डेढ़ बीघा जमीन है। जिसमें करीब 8 बिस्वा उसके हिस्से मे आती है लेकिन बावजूद इसके उसे जमीन नही दी गई।
आरोपी की पत्नी ने भी की थी आत्महत्या
आरोपी विनोद की पत्नी राधा ने भी एक वर्ष पूर्व आत्महत्या कर ली थी। हालांकि, उसने मौत को क्यों गले लगाया इसका जवाब किसी के पास नहीं है। अमेठी चौकी इंचार्ज जयकरन भदौरिया ने बताया कि एक वर्ष पूर्व हैदरगढ़ के पास ट्रेन के आगे कूदकर उसने जान दे दी थी।