लखनऊ: समलैंगिक संबंध तोड़ने पर दोस्त और उसकी मां पर फेंकवाया तेजाब, पीड़ित युवक से सात साल से था रिश्ता
लखनऊ में गोमतीनगर के विराम खंड-3 इलाके में शनिवार रात दो बदमाशों ने एक मकान का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुलते ही नाम पूछा और युवक पर एसिड फेंक दिया। मां ने बचाव की कोशिश की तो उस पर भी एसिड उड़ेल दिया था। पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया और इंटीरियर डिजाइनर समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
लखनऊ के गोमतीनगर के विराम खंड-3 में मां-बेटे पर एसिड अटैक की वारदात का पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर इंटीरियर डिजाइनर समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। एक आरोपी अभी फरार है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि पीड़ित युवक के दोस्त ने वारदात की साजिश रच इसे अपने रिश्तेदार व करीबी से अंजाम दिलाया। पीड़ित व साजिशकर्ता के बीच संबंध थे। संबंध तोड़ने से आरोपी नाराज था। इसलिए उससे खुन्नस रखने लगा था।
विराम खंड-3 निवासी विजय वर्मा (काल्पनिक नाम) के घर पर शनिवार रात साढ़े नौ बजे दो युवक पहुंचे थे। दरवाजा खोलते ही उन्होंने एसिड उड़ेल दिया था। इससे विजय व उनकी मां संगीता (काल्पनिक नाम) गंभीर रूप से झुलस गई थीं। मां-बेटे का इलाज जारी है। पुलिस ने अज्ञात पर केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।
डीसीपी पूर्वी हृदेश कुमार ने बताया कि मामले में हरियाणा निवासी विक्रम उर्फ विक्की और दिल्ली के मोहित कुमार को गिरफ्तार किया गया है। बिहार निवासी दीपक भी वारदात में शामिल था। उसकी तलाश की जा रही है। जांच में सामने आया कि विजय व विक्रम के पिछले सात साल से संबंध थे।
पिछले एक महीने से विजय ने विक्रम से बातचीत बंद कर संबंध तोड़ दिए थे। इससे विक्रम परेशान और आक्रोशित था। इसलिए उसने साजिश के तहत वारदात को अंजाम दिलाया। विक्रम पेशे से इंटीरियर डिजाइनर है।
कार में बैठा था विक्रम, बाइक की बैटरी से निकाला था एसिड
पुलिस के मुताबिक शनिवार को ही कार से तीनों आरोपी शहर पहुंचे थे। अपने एक परिचित से बाइक ली। बाइक की बैटरी से एसिड निकालकर बोतल में भरा। उसके बाद सभी विराम खंड पहुंचे। विक्रम अपनी कार में बैठा रहा। मोहित व दीपक एसिड भरी बोतल लेकर विजय के घर पहुंचे थे। जैसे ही संगीता ने दरवाजा खोला, दोनों ने विजय का नाम लिया। जब वह पहुंचा तो दोनों ने एसिड फेंक दिया। इससे विजय व मां संगीता दोनों झुलस गए।
ऐसे पकड़े गए आरोपी
एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि घटना की सीसीटीवी फुटेज मिली थी। इसमें मोहित व दीपक कैद थे। वहीं, विजय के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली गई, जिसमें सबसे ज्यादा बातचीत विक्रम से मिली। जब विक्रम के नंबर की लोकेशन देखी गई तो पता चला कि वारदात के वक्त वह घटनास्थल पर मौजूद था। इससे शक पुख्ता हो गया। सर्विलांस व फुटेज की मदद से पुलिस उन तक पहुंच गई।