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जब योगी ने कहा- इतना बंपर निवेश सोचा नहीं था, Global Investors Summit से विकास और सियासत को नया 'अर्थ'

लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक चले ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स समिट के दौरान उत्‍तर प्रदेश को 33 करोड़ लाख से ज्‍यादा के निवेश का प्रस्‍ताव आया। जीआईएस के लिए कुल 10 लाख करोड़ निवेश का लक्ष्‍य रखा गया था। केंद्रीय मंत्री स्‍मृति इरानी ने कहा कि यूपी में जितने निवेश के एमओयू हुए हैं, उतनी कई देशों की जीडीपी नहीं है।

जब योगी ने कहा- इतना बंपर निवेश सोचा नहीं था, Global Investors Summit से विकास और सियासत को नया 'अर्थ'

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट(जीआईएस) के समापन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, '33.50 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव के बारे में यूपी ने सोचा तक नहीं था।' योगी की यह साफगोई बेवजह नहीं है। जब जीआईएस के लिए 10 लाख करोड़ का लक्ष्य तय किया गया था इसको लेकर संशय सत्ता के भीतर भी था और सवाल विपक्ष में भी मुखर थे। लेकिन यूपी में पहली बार हुए निवेश के इस मेगा शो के सफल आयोजन ने 'परसेप्शन' और माइंडसेट दोनों को ही बदलने को मजबूर किया है। योगी सरकार ने प्रदेश के संवाद और सियासत के अजेंडे को भी विकास की पिच पर लाकर खड़ा कर दिया है। यूपी की जीडीपी के लगभग डेढ़ गुना निवेश प्रस्तावों से विकास और सियासत दोनों को ही 'अर्थ' मिलता नजर आ रहा है।

उद‌्घाटन सत्र में दिग्गज उद्योगपति रहे हों या तीन दिनों में हुए 30 से अधिक सत्रों में हिस्सा लेने वाले देश-दुनिया के अलग-अलग निवेशक, सबके पास यूपी को लेकर अपने-अपने अनुभव थे। लेकिन, इस पूरी कवायद व चर्चा में सबसे अहम बात थी 'यूपी पर भरोसा, निवेश के लिए उत्सुकता व रिटर्न को लेकर निश्चिंतता।' यही वजह थी कि यूपी ने निवेश प्रस्तावों में देश के हर राज्य को पीछे छोड़ दिया। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से इसे रेखांकित करते हुए कहा भी कि यूपी में जितने निवेश के एमओयू हुए हैं, उतनी कई देशों की जीडीपी नहीं है। यूके के मिनिस्टर एलेक्स चॉक ने योगी के सामने मुस्कुराते हुए कहा, 'यूके को यूपी का साथ पंसद है'। यह निवेश के बदले परिवेश की नजीर है।

अब जमीन पर उतारने के अजेंडे पर काम
योगी सरकार ने 2018 में जो पहला निवेश समिट किया था, उसमें उसे 4.68 लाख करोड़ के प्रस्ताव मिले थे। सरकार का दावा है कि इसमें 4 लाख करोड़ से अधिक प्रस्ताव तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए अमल में लाए जा चुके हैं। यह निवेश प्रस्तावों का 85% है। देश के किसी भी राज्य के मुकाबले यह कन्वर्जन दर सबसे अधिक है। रविवार को समाप्त हुए जीआईएस के प्रस्तावों को अगर इस दर से जमीन पर उतारा दिया जाए तो कुल निवेश का आंकड़ा 28 करोड़ से अधिक होगा जो यूपी की जीडीपी का सवा गुना होगा। इसलिए, जीआईएस के समापन के साथ ही योगी ने साफ कर दिया कि मंत्रियों-अफसरों की टीम निवेश प्रस्तावों को मूर्त रूप देने के लिए लगातार काम करेगी। उन्होंने इसका रोडमैप भी रखा।

सेक्टर व क्षेत्र में विविधता भी अहम
जीआईएस की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि इसने प्रदेश में निवेश के परंपरागत ट्रेंड को तोड़ने हुए सेक्टर व क्षेत्र को लेकर 'पूर्वाग्रह' के खांचे को तोड़ दिया। कुल निवेश प्रस्तावों व समझौतों का 42% हिस्सा बुंदेलखंड व पूर्वांचल के उन क्षेत्रों में आया, जो अब तक औद्योगिक विकास की दौड़ में कहीं खड़े नहीं होते थे। इस संकट को योगी ने पहले ही भांप लिया था, इसलिए सेक्टोरियल पॉलिसी तय करते समय भी इन क्षेत्रों की विशेष चिंता की गई थी। रिन्युएबल एनर्जी, फूड प्रॉसेसिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी के साथ ही पर्यटन जैसे क्षेत्रों की ब्रैंडिंग के फोकस ने भी नए क्षेत्रों व नए सेक्टरों के लिए संभावना मजबूत की। आर्थिक आयोजनों को बड़े शहरों तक सीमित रखने का ढर्रा भी टूटा। हर जिले में निवेश सम्मेलन के जरिए यूपी के अब तक के सबसे बड़े मेगा शो से सबको जोड़ा गया। विवि परिसरों से लेकर अन्य मंचों तक इससे जुड़े जागरूकता कार्यक्रमों ने भी आर्थिक समझ व संभावनाओं को विस्तार दिया।

...तो उपलब्धियों के अजेंडे पर होगी बात
प्रदेश में जीआईएस के आयोजन के पहले के राजनीतिक मुद्दों व संवाद पर नजर डालिए तो उसकी पिच भी दूसरी थी और सवाल भी। यूपी के तय जातीय सियासी ढर्रे, अपमान-सम्मान की चर्चा व आरोप-प्रत्यारोप गर्म थे। लेकिन, इस आयोजन ने इस पूर संवाद की दिशा बदल दी। आयोजन से हर जिला जुड़ा तो वहां भी चौराहों-बाजारों से लेकर सियासी मंचों का केंद्रीय बिंदु 'निवेश' हो गया। सरकार आयोजन को उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है और विपक्ष नाकामी के तौर पर। 20 फरवरी से यूपी का बजट सत्र शुरू हो रहा है। जाहिर है सदन भी इससे अछूता नहीं रहेगा। लेकिन स्वीकारने-नकराने दोनों ही कवायद के केंद्र में अजेंडा आर्थिक तरक्की का ही होगा।

यूं रही एमओयू की तस्वीर
आकार -- संख्या
2000 करोड़ से अधिक - 203
1500-2000 करोड़ -46
1000-1500 करोड़- 56
500-1000 करोड़ -261
100-500 करोड़ -1,023
100 करोड़ तक -17,469

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