लखनऊः काकोरी में 2 बीघा फसल भस्म, एक चिंगारी से राख में तब्दील हो रही किसानों की गाढ़ी कमाई
लखनऊ में हाईटेंशन लाइनों में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग से गेहूं की फसलें नष्ट हो रही हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। मोहनलालगंज, निगोहां और नगराम जैसे इलाकों में समय पर अग्निशमन सेवाओं की कमी से स्थिति और खराब हो रही है।
एक चिंगारी से खेतों में खड़ी किसानों की गेहूं की फसल पलभर में राख में तब्दील हो जा रही है। फसल जलने से छोटे किसान दाने-दाने को मोहताज हो जा रहे हैं। मुनाफे की सोचना तो दूर की फसल में लगी उनकी पूंजी तक डूब जा रही है। अब तक गेहूं की फसलों में लगने वाली आग की वजह खेतों से गुजरी हाइटेंशन लाइनों में शॉर्ट सर्किट ही सामने आ रहा है। इस आपदा से राहत के लिए किसान मदद की आस सरकारी महकमों पर टकटकी लगाए बैठे हैं। लखनऊ के निगोहां के उतरावां के मजरा कुर्मिन खेड़ा निवासी रामकुमार वर्मा के दो बीघा खेत में खड़ी फसल पककर तैयार थी। वह कटाई और मड़ाई की जुगत में थे। तभी शुक्रवार को खेत के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन में शॉर्ट सर्किट होने से निकली चिंगारी ने पूरी फसल को जलाकर राख में बदल गई। लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन एक दाना भी बचा नहीं पाए।
यही नहीं एक बीघे के खेत में लगे आम, शरीफा, नींबू समेत 60 पेड़ भी आग की लपटों की चपेट में आकर जल गए। आग लगने की सूचना पाकर पहुंचे लेखपाल ने मुआयना किया है। वह इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजेंगे। वहीं, किसान रामकुमार वर्मा ने निगोहां थाने में तहरीर देकर फसल व पेड़ जलने के लिए बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि हाईटेंशन लाइन के तार ढीले होने से हवा चलने पर उसमें शॉर्ट सर्किट हुआ और उससे निकली चिंगारी से पूरी फसल और पेड़ जल गए। उधर, दुबग्गा के इटौली गांव में शंकर यादव की दो बीघा गेहूं की फसल जल गई। आसपास के लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है।
कई इलाकों में समय से नहीं पहुंच पाती फायर ब्रिगेड
मोहनलालगंज, निगोहां और नगराम इलाके में कोई फायर स्टेशन नहीं है। इसकी वजह से इन इलाकों में आग लगने पर पीजीआई फायर स्टेशन से ही फायर टेंडर रवाना होते हैं, जबकि पीजीआई से निगोहां की दूरी 30 किमी और नगराम से 45 किमी है। किसान नेताओं व जन प्रतिनिधियों ने कई बार निगोहां में फायर स्टेशन बनाए जाने की मांग उठाई है। मोहनलालगंज के पूर्व विधायक अम्बरीष पुष्कर ने तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष को इस संबंध में पत्र भी लिखा था।
"जिन किसानों की फसल जली है, उन्हें मुआवजा मिलेगा। शासनादेश के मुताबिक फसल के नुकसान का आंकलन क्षेत्रफल के मुताबिक लेखपाल करेगा। राजस्व विभाग की टीम नुकसान का आंकलन करती है। इसके साथ ही सांख्यिकी और जिला कृषि अधिकारी भी गाटा संख्या के मुताबिक फसल और उसके मुताबिक दिए जाने वाले मुआवजे का अनुमान लगाते हैं। प्रति हेक्टेअर अलग-अलग फसलों और उनकी गुणवत्ता के मुताबिक अलग अलग रेट के मुताबिक मुआवजा तय होता है।" -अमर सिंह, आपदा विशेषज्ञ, जिला प्रशासन
पिछले लोकसभा चुनाव में सांसद कौशल किशोर ने भी निगोहां में फायर स्टेशन बनवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक इन इलाकों में फायर स्टेशन नहीं बन पाया है। वहीं, सीएफओ मंगेश कुमार का कहना है कि अंसल सिटी में फायर स्टेशन के लिए जमीन मिल गई है। वहां फायर स्टेशन बनने के बाद लोगों को सहूलियत मिलेगी। जिन इलाकों में फायर स्टेशन नहीं हैं, वहां के लिए उच्चाधिकारियों को प्रपोजल भेजा गया है।
यहां भी आग की भेंट चढ़ चुकी है गेहूं की फसल
18 अप्रैल-मलिहाबाद व रहीमाबाद में एचटी लाइन में शॉर्ट सर्किट से 45 बीघा फसल जली। इसी दिन नगराम के बलसिंह खेड़ा में दो बीघे फसल जली।
17 अप्रैल-बंथरा में एचटी लाइन से निकली चिंगारी से ढाई बीघा गेहूं की फसल जली। इसी दिन गोसाईंगंज के शिवलर गांव में दो किसानों की फसल जली।
16 अप्रैल-निगोहां के करौंदी गांव में चार बीघा गेहूं की फसल जली।
14 अप्रैल-निगोहां के राती गांव में एचटी लाइन से निकली चिंगारी से 10 बिस्वा फसल जली।
9 अप्रैल-निगोहां के ककुहा खेड़ा के किसान राजाराम और सुंदर की दो बीघा फसल जली।
एक अप्रैल-बंथरा के हरौनी में एचटी लाइन से निकली चिंगारी से 12 बिस्वा फसल जली।
चार नवंबर 2023- नगराम के तीन गांवों में किसानों की 10 बीघा फसल जली।