यूपी कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ ट्रांसफर मामले में दो गिरफ्तार, रिटायर्ड अफसर के साथ मिलकर किया गया था खेल
यूपी कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ रुपये के हुए ट्रांसफर में 74 करोड़ रुपये भूमि सागर कंस्ट्रक्शन के खातों में जमा किए गए थे। दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
यूपी कोऑपरेटिव बैंक में 146 करोड़ रुपये के हुए ट्रांसफर का खुलासा कर दिया गया है। मामले में 74 करोड़ रुपये भूमि सागर कंस्ट्रक्शन के खातों में जमा किए गए थे। यूपी साइबर टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें से एक बैंक का रिटायर अफसर आरएस दुबे व भूमि सागर कंस्ट्रक्शन का मालिक है।
मामले में हेराफेरी की जांच के लिए सरकार ने कमेटी बनाई थी। विशेष सचिव अच्छेलाल की अध्यक्षता में गठित की गई समिति विस्तृत जांच कर शासन को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके अलवा अन्य दो तरह से जांच की गई। साइबर क्राइम की टीम और मुख्य महाप्रबंधक स्तर से अलग जांच की गई।
74 करोड़ वापस मिले
बैंक के अध्यक्ष तेजवीर सिंह ने बताया कि मुख्य महाप्रबंधक एनके सिंह की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच समिति जांच कर रही है। रिपोर्ट के बाद बैंक की व्यवस्था में सुधार के साथ दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बैंक से 146 करोड़ रुपये हस्तांतरित हुए थे। इसमें से 74 करोड़ रुपये बैंक को एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक से वापस मिल गया है। शेष 72 करोड़ रुपये आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद वापस मिल जाएगी।
बैंक से ही दिया गया वारदात को अंजाम
यूपीसीबीएल में 146 करोड़ रुपये की हेराफेरी को बैंक में बैठकर ही अंजाम दिया गया। सीसीटीवी फुटेज ने यह राज उगला है। बैंक अध्यक्ष ने बताया कि बैंक के सीसीटीवी फुटेज में बैंक के सेवानिवृत्त प्रबन्धक सहित तीन लोग दिखाई दिए है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। यदि उनकी कॉल डिटेल या व्हाट्सएप डिटेल में बैंक के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत सामने आई तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गेस्ट हाउस बना था अनधिकृत लोगों की आरामगाह
यूपीसीएल की बिल्डिंग में स्थित गेस्ट हाउस अनधिकृत लोगों की आरामगाह बना हुआ था। गेस्ट हाउस में बैंक कर्मियों या पदाधिकारियों से ज्यादा उनके रिश्तेदार, राजनीतिक दलों के नेता और उनके समर्थक ठहरते थे। बैंक के अध्यक्ष ने बताया कि सुरक्षा कारण से गेस्ट हाउस को अब हमेशा के लिए बंद करने का निर्णय लिया है।