'अमर्यादित नारे' मामले में मायावती बोलीं- जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव
स्वामी प्रसाद मौर्य पर अमर्यादित नारे लगवाने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। बसपा प्रमुख मायावती ने इसी मामले को लेकर सपा पर हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।
ऊंचाहार के चरुहार जियायक में सोमवार को स्वामी प्रसाद की ओर से जनसभा में अखिलेश यादव की मौजूदगी में लगवाए गए अमर्यादित नारों के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद बसपा सुप्रीमों मायावती ने बिना नाम लिए हमला बोला है।
मयावती ने कहा कि सपा प्रमुख की मौजूदगी में लगाए गए अमर्यादित नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खियों में है। वास्तव में यूपी के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।
इतना ही नहीं बसपा प्रमुख ने सपा पर हमलावर होते हुए यहां तक कहा कि, 'और यह हकीकत लोगों के सामने बराबर आती रही है कि सन 1993 में कांशीराम जी ने सपा-बसपा गठबंधन मिशनरी भावना के तहत बनाई थी, किन्तु मुलायम सिंह यादव के गठबंधन का सीएम बनने के बावजूद उनकी नीयत पाक-साफ न होकर बसपा को बदनाम करने व दलित उत्पीड़न को जारी रखने की रही।'
बसपा सुप्रीमों ने कहा कि इसी क्रम में उस दौरान अयोध्या, श्रीराम मन्दिर व अपरकास्ट समाज आदि से सम्बंधित जिन नारों को प्रचारित किया गया था वे बीएसपी को बदनाम करने की सपा की शरारत व सोची-समझी साजिश थी। अतः सपा की ऐसी हरकतों से खासकर दलितों, अन्य पिछड़ों व मुस्लिम समाज को सावधान रहने की सख्त जरूरत।
बता दें कि ऊंचाहार के चरुहार जियायक में सोमवार को स्वामी प्रसाद ने जनसभा का आयोजन किया था, जिसमें पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी आए थे। उन्होंने अखिलेश के सामने मंच से अमर्यादित नारे लगवाए, जिसका वीडियो मंगलवार को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। वीडियो में वह बोल रहे हैं कि मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए...। यही नहीं, स्वामी इस अमर्यादित नारे की पुनरावृत्ति सभा में आए लोगों से भी कराते नजर आ रहे हैं।