NIA कोर्ट 8 आतंकियों को कल सुनाएगी सजा, 2017 में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में किया था बम ब्लास्ट
7 मार्च 2017 की सुबह 9:38 बजे मध्य प्रदेश के जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन (59320) में बम विस्फोट हुआ था।
लखनऊ की विशेष NIA कोर्ट में भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन धमाके की सुनवाई पूरी हो गई है। कोर्ट दोषियों को मंगलवार को सजा सुनाएगी। सोमवार को 8 आतंकियों को कोर्ट लाया गया था।
NIA कोर्ट में पेश हुए दोषियों से जज ने कहा- फैसला सुनाए जाने से पहले कोई बात कहनी है? इस पर दोषियों ने कहा कि बीते 15 सालों से हम लोग जेल में हैं। इस पर जज ने कहा कि सजा में 15 साल को माइनस कर दिया जाएगा। उसके बाद जज कोर्ट रूम में चले गए थे।
कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया था
शुक्रवार को कोर्ट ने मामले में सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण पांडेय ने सजा सुनाए जाते वक्त दोषियों को कोर्ट में पेश किए जाने का आदेश दिया था। 9 आतंकियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन, विस्फोटक और हथियार जुटाने के आरोप थे। साथ ही जाकिर नाइक का वीडियो दिखाकर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाने सहित अन्य मामले में 21 मार्च, 2018 को आरोप तय किए गए थे। इनमें से एक आतंकी सैफुल्लाह की मौत हो चुकी है।
शुक्रवार को कोर्ट ने बाकी 8 आतंकियों मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हुसैन, आसिफ इकबाल रॉकी और मोहम्मद आतिफ ईरानी को दोषी ठहराया था।
6 साल पहले जनरल कोच में हुआ था ब्लास्ट
7 मार्च, 2017 की सुबह 9:38 बजे का वक्त था। मध्य प्रदेश के जबड़ी रेलवे स्टेशन के पास भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन (59320) में बम विस्फोट हुआ। इसमें 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
ब्लास्ट के बाद डिब्बे में अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग ट्रेन से कूद गए। उसकी वजह से उन्हें चोटें आईं। इनमें कुछ बुजुर्ग भी शामिल थे। ब्लास्ट की आवाज सुनकर कुछ लोगों ने चेन खींचकर ट्रेन को रोका। 14 मार्च 2017 को केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच NIA को सौंप दी थी।
ऐसे पकड़े गए थे आरोपी
वर्तमान में 4 आतंकियों में से 3 आतंकी सैयद मीर हुसैन, मोहम्मद दानिश और आतिफ मुजफ्फर हाई सिक्योरिटी वाली भोपाल सेंट्रल जेल में बंद हैं। इन तीनों को मध्य प्रदेश की पिपरिया पुलिस ने घटना के कुछ ही घंटों बाद उसी दिन पकड़ लिया था। तीनों आतंकी एक बस से भागने का प्रयास कर रहे थे। वहीं, चौथे आतंकी गौस मोहम्मद खान को इनके द्वारा दी गई जानकारी पर बाद में यूपी से गिरफ्तार किया गया। उसे लखनऊ जेल में रखा गया है।
मामले में ATS के डिप्टी एसपी मनीष चंद्र सोनकर ने 8 मार्च 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि ISIS लगातार इंटरनेट पर आतंकवादी घटनाओं का वीडियो अपलोड कर नौजवानों को अपने संगठन से जोड़ने और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश में जुटा है।
इसी से प्रभावित होकर मोहम्मद फैसल, मोहम्मद दानिश, आतिफ मुजफ्फर, सैफुल्ला और मोहम्मद अजहर ने पैसेंजर ट्रेन में धमाके की साजिश रची थी। पूर्व में भी ये लोग ISIS के लिए जिहाद और आतंकी वारदातों को अंजाम देने की बात किया करते थे।
मुठभेड़ में मारा गया था सैफुल्ला
पुलिस ने इन सभी आतंकियों को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। लखनऊ के काकोरी में हुई मुठभेड़ में सैफुल्ला मारा गया था। अन्य आरोपियों के पास से भारी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद हुए थे। इसके बाद मामले की विवेचना NIA ने करते हुए बाकी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
साढ़े 5 घंटे में MP से UP तक इस तरह जुड़ीं आतंक की कड़ियां
- ब्लास्ट होते ही खुफिया तंत्र एक्टिव हुआ। तेलंगाना पुलिस ने MP और UP पुलिस को अहम इनपुट दिया।
- MP पुलिस ने दोपहर करीब 1.30 बजे पिपरिया में चलती बस से 3 युवकों को अरेस्ट किया। इन्होंने UP के लखनऊ, कानपुर और इटावा में साथियों के नाम बताए।
- UP एटीएस ने कार्रवाई शुरू की। कानपुर से फैसल खां, इमरान और इटावा से फकरे आलम धरा गया।
- कानपुर से अरेस्ट आतंकियों के लैपटॉप से ISIS से जुड़े वीडियो और साहित्य मिले।
आंखों-देखी: 4 लोग ट्रेन से कूदकर भागे...फिर धमाके हुए
उज्जैन के जगदीश पटवा ने बताया, ''मैं ट्रेन के पीछे से पांचवें कोच में था। 9.37 बजे ट्रेन जबड़ी स्टेशन से रवाना हुई थी। स्टेशन गुजरते ही पिछले कोच में सवार चार युवक चलती ट्रेन से कूदकर भाग गए। लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही कोच से धुआं निकलने लगा। 250 फीट आगे जाकर ट्रेन रुक गई। यात्री खेतों में भाग रहे थे। तभी कोच में फिर धमाके की आवाज आई। बाहर खून से लथपथ एक बुजुर्ग तड़प रहे थे। थोड़ी ही दूर एक बच्ची तड़प रही थी। उसके सीने में छेद हो गया था। मैं यह मंजर देख नहीं सका।''
इन धाराओं के तहत तय हुए आरोप
अदालत ने इन आतंकियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, विधि खिलाफ क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1967 की धारा 16 (ख), लोक संपत्ति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 4, रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 150 और 151 सहित भारतीय दंड संहिता की धारा 324 और 326 के तहत आरोप तय किए हैं।