नई संसद के इनॉग्रेशन पर BJP को मायावती का साथ, कहा- सरकार ने बनवाया, इसलिए उद्घाटन उसका हक; बहिष्कार अनुचित
मायावती ने नई संसद के इनॉग्रेशन पर भाजपा के साथ आई हैं। उन्होंने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार को गलत बताया है।
नई संसद के इनॉग्रेशन पर मोदी सरकार को बसपा प्रमुख मायावती का साथ मिला है। मायावती ने गुरुवार को कहा कि मोदी सरकार ने नए संसद भवन को बनाया है, इसलिए उसके उद्घाटन का उसे पूरा हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना अनुचित है। यही नहीं, इनॉग्रेशन का बहिष्कार करना भी गलत है। हालांकि, मायावती पार्टी कामों में बिजी होने के चलते इनॉग्रेशन शामिल नहीं होंगी।
इधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा- भाजपाईयों द्वारा संसद के दिखावटी उद्धाटन से नहीं, बल्कि वहां पर लिखे ‘श्लोकों’ की मूल भावना को समझकर, सभी को सुनने व समझने का बराबर अवसर देना ही सच्ची संसदीय परंपरा है। जहां सत्ता का अभिमान हो। परंतु विपक्ष का मान नहीं, वो सच्ची संसद हो ही नहीं सकती, उसके उद्धाटन में क्या जाना।'
28 मई को पीएम मोदी नए संसद भवन के उद्घाटन करेंगे। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने इसके बहिष्कार का ऐलान किया है। जबकि भाजपा समेत 17 पार्टियों ने सरकार के न्योते को स्वीकार कर लिया है। विपक्ष का कहना है कि नई संसद के इनॉग्रेशन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दरकिनार किया गया है। यह न केवल गंभीर अपमान है, बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है।
अब पढ़िए मायावती के 3 ट्वीट ....
1. केंद्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की। बसपा ने देश और जनहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है। 28 मई को संसद के नए भवन के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।
2. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है। सरकार ने इसको बनाया है, इसलिए उसके उद्घाटन का उसे हक है। इसको आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित। यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर उनके खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करते वक्त सोचना चाहिए था।
3. देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है। जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनाएं। लेकिन पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों संबंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं उस समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी।
भाजपा समेत 17 पार्टियां शामिल होंगी: भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट), शिरोमणी अकाली दल, NPP, NDPP, SKM, JJP, RLJP, RP (अठावले), अपना दल (एस), तमिल मनीला कांग्रेस, AIADMK, BJD, तेलुगू देशम पार्टी, YSR कांग्रेस, IMKMK और AJSU MNF।
लोकसभा में 60.82% (सदस्य 328) और राज्यसभा में 42.86% (102 सदस्य) प्रतिनिधित्व।
20 पार्टियां विरोध कर रहीं: कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, DMK, आम आदमी पार्टी, शिवसेना (उद्धव गुट), समाजवादी पार्टी, राजद, CPI, JMM, केरल कांग्रेस (मणि), VCK, रालोद, राकांपा, JDU, CPI (M), IUML, नेशनल कॉन्फ्रेंस, RSP, AIMIM और MDMK।
विरोध करने वाले दलों का लोकसभा में 26.38% (कुल 143 सदस्य) और राज्यसभा में 38.23% (91 सदस्य) प्रतिनिधित्व है।