अग्निशमन के लिहाज से यूपी विधानभवन भी सुरक्षित नहीं, दमकल विभाग की रिपोर्ट में खुलासा
दिलचस्प है कि अग्निशमन विभाग की आपत्ति को दरकिनार कर विधानसभा और विधान परिषद की कॉरिडोर को वातानुकूलित बनाने के लिए उसे पूरी तरह पैक कर दिया गया है। ऐसे में भविष्य में कोई अनहोनी होती है तो हालात बिगड़ सकते हैं।
प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत (विधानमंडल) जहां से बने कानूनों का पालन करने और नियमों के अनुसार काम करने के लिए सभी विभाग व जनता बाध्य है, उसी भवन में अग्निशमन के नियमों की अनदेखी सामने आई है। दिलचस्प है कि अग्निशमन विभाग की आपत्ति को दरकिनार कर विधानसभा और विधान परिषद की कॉरिडोर को वातानुकूलित बनाने के लिए उसे पूरी तरह पैक कर दिया गया है। ऐसे में भविष्य में कोई अनहोनी होती है तो हालात बिगड़ सकते हैं।
इस अनदेखी का खुलासा सचिवालय के अग्निशमन विभाग की ओर से दी गई रिपोर्ट में हुआ है। बीते वर्ष विधानसभा व विधान परिषद में जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के कार्य कराए गए थे। दोनों भावनों के कॉरिडोर को वातानुकूलित बनाने के लिए चारों ओर से कांच व लकड़ी की जालियां लगाकर पैक कर दिया गया। कॉरिडोर में हर ओर से कांच के प्रवेश द्वार भी बनाए गए हैं।
इन्हीं कॉरिडोर में विधानसभा के नेता सदन मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव, विधान परिषद में नेता सदन एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, विधानसभा और विधान परिषद के प्रमुख सचिव के कक्ष भी हैं। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं के चेंबर भी इन्हीं कॉरिडोर में बने हैं। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि अग्निशमन विभाग ने इस सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के बाद बने स्वरूप पर आपत्ति दर्ज कराई है।
मालूम हो कि पूरे विधानसभा परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए भवन में स्थापित खिड़कियों और अन्य वेंटीलेशन वाले स्थानों को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। अग्नि सुरक्षा के लिए समस्त परिसर में धुआं निकासी सिस्टम लगाने की संस्तुति की गई है। विधानसभा परिसर में अत्यधिक ज्वलनशील लकड़ी से भी काम कराए गए हैं। ऐसे में लकड़ी के निर्माण कार्यों पर अग्नि अवरोधक रंग लगवाने की भी संस्तुति की गई है।
दुर्घटना हुई तो राहत कार्य में आएगी कठिनाई
अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में कहा है कि विधानसभा में नेता सदन एवं मुख्यमंत्री और नेता विरोधी दल के कक्ष तक संपूर्ण कॉरिडोर में खिड़कियों को बंद करने से अग्नि दुर्घटना के समय अग्नि शमन कर्मचारियों को अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री व नेता विरोधी दल के कक्ष में अत्यधिक ज्वलनशील प्लाईवुड का उपयोग कर खिड़कियों को बंद कर दिया गया है। विभाग ने पूरे कॉरिडोर को अवरोध मुक्त कराने की अनुशंसा की है।
किचन में विद्युत चालित उपकरण से खतरा
विधान परिषद के सभापति के लिए बनाए गए अस्थायी किचन में विद्युत चालित उपकरण लगाए गए हैं। किचन अत्यधिक छोटा होने के कारण वहां शार्ट सर्किट का खतरा ज्यादा है। ऐसे में किचन को कहीं और शिफ्ट करने की अनुशंसा की गई है।
वीआईपी के निकासी के लिए सुरक्षित मार्ग नहीं
रिपोर्ट में लिखा गया है कि भवन में आग लगने की स्थिति में यदि सदन में वीआईपी मौजूद रहे तो उन्हें किस मार्ग से सुरक्षित निकाला जाएगा इसकी व्यवस्था नहीं है। कॉरिडोर को इस तरह पैक कर दिया गया है कि वहां से धुआं निकलने का रास्ता नहीं बचा है। रिपोर्ट में कॉरिडोर पर मौजूद कक्षों में वेंटिलेशन की उचित व्यवस्था न होने और कक्ष पैक होने पर भी आपत्ति जताई गई है।
परिषद की पिक्चर गैलरी व दफ्तर भी सुरक्षित नहीं
विधान परिषद की पिक्चर गैलरी में खिड़कियों को बंद कर दिया गया है। कक्ष में भी अत्यधिक ज्वलनशील प्लाईवुड का उपयोग किया है। कक्ष संख्या 28 से 34 के सामने वाली खिड़कियों में शीशे लगाकर बंदकर दिए गए हैं। इन्हें खुलवाने की आवश्यकता जताई गई है।
पुस्तकालय का भी यही हाल
कमरा नंबर 15 के सामने विधानसभा पुस्तकालय में कर्मचारियों के डेस्क स्थापित करने से पूरी गैलेरी आपातकालीन समय में प्रयोग नहीं की जा सकती है। गैलरी की खिड़की को स्थायी रूप से बंद करने से आग लगने की स्थिति में धुआं नहीं निकल सकता है। हिंदी संग्रह कक्ष, अंग्रेजी संग्रह कक्ष और उर्दू खंड में अत्यधिक मात्रा में ज्वलनशील प्लाईवुड के रैक बने है। इनमें महत्वपूर्ण किताबें रखी हुई हैं। इन कक्षों में भी वेंटिलेशन की व्यवस्था नहीं है। गैलरियों के भीतर की ओर से सभी खिड़कियों पर लोहे की अलमारी और पुस्तकों की रैक लगा रखी है। आग लगने की स्थिति में यहां आग पर काबू पाने में मुश्किल होगी। इसके अलाव विधानसभा के व्यवस्थाधिकारी का कक्ष और लेखानुभाग भी सुरक्षित नहीं है।