डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- सुपरटेक ट्विन टावर सपा के भ्रष्टाचार-अराजकता की नीति का जीवंत प्रमाण
नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर आज ध्वस्त कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे ध्वस्त किया जा रहा है। वहीं उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सुपरटेक ट्विन टावर को सपा के भ्रष्टाचार और अराजकता की नीति का जीवंत प्रमाण बताया है।
नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर आज अब से कुछ घंटे बाद जमींदोज कर दिया जाएगा। प्रशासन ने इसे जमींंदोज करने से पहले ढेरों तैयारियांं की है। इस सब के बीच उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर समाजवादी पार्टी पर हमलावर होते हुए इसे भ्रष्टाचार और अराजकता की नीति का जीवंत प्रमाण बताया। बता दें कि यह अपने आप में पहला मामला है। जब किसी 32 मंजिल की इमारत को बारूद लगाकर ध्वस्त किया जाएगा।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि, 'नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर समाजवादी पार्टी के भ्रष्टाचार और अराजकता की नीति का जीवंत प्रमाण है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में सपा के कुकर्मों की प्रतीक यह अवैध इमारत जमींदोज हो रही है। यह है न्याय, यही सुशासन'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में सुपरटेक ट्विन टावर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए थे। सीएम योगी आदित्यनाथ की इस समीक्षा के बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविंद कुमार ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी थे।
नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर गिराने में 3500 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया जा रहा है। इन दोनों टावरों के नाम एपेक्स और सियान हैं। जिनमें एपेक्स टावर 32 मंजिल और 102 मीटर का ऊंचा है। सियान 29 मंजिल का है और करीब 95 ऊंचा है।
प्रशासन कई दिनों से इसकी तैयारियों में लगा था। इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत की गई है। आसपास के रिहायशी इलाकों को पहले ही खाली करा दिया गया है। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के दौरान करीब 30 मिनट तक नोएडा एक्सप्रेसवे को बंद रखा जाएगा। जिससे वहां से निकलने वालों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।
बता दें कि नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई इस गगनचुम्बी इमारत के निर्माण में नोएडा विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों और बिल्डर की मिलीभगत सामने आई। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेढ़ दशक पुराने इस मामले की गहन जांच कराई और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए।
सितम्बर 2021 में सीएम योगी के आदेश पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में चार सदस्यों की समिति गठित की गई थी। जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में संलिप्त 26 अधिकारियों, कर्मचारियों, सुपरटैक लिमिटेड के निदेशक एवं उनके वास्तुविदों के विरुद्ध कार्रवाई की गई।