25 सालों से राजनीति में गाड़ रखा है भगवा झंडा, UP के बुलडोजर बाबा CM योगी आदित्यनाथ का लहरा रहा है परचम
भाजपा स्थापना दिवस मना रही है। बीजेपी को 43 साल हो गए। योगी आदित्यनाथ की चर्चा के बिना केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी की बात अधूरी नजर आती है। 1998 में बतौर सांसद गोरखपुर से निर्वाचित हुए योगी आदित्यनाथ आज दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं। अब उन्हें पीएम मोदी के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है।
साल 1992 में पौड़ी जिले के एक डिग्री कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद अजय बिष्ट कहीं चले गए। कुछ महीने तक उनका कुछ पता नहीं चला। 1993 के एक दिन पंचोरी गांव स्थित घर पर मां ने दस्तक होने पर दरवाजा खोला तो सामने अजय दिखाई दिए। गेरुआ वस्त्र पहने, सिर मुंडाए, कानों में कुंडल धारण किए हुए। वह भिक्षा लेकर संन्यासी जीवन में प्रवेश कर गए। नाम हुआ योगी आदित्यनाथ। इसके बाद गोरक्षनाथ पीठ में लौटकर कठिन दीक्षा ली। महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। 1998 में सक्रिय राजनीति में आ गए और पिछले 25 सालों से भगवा झंडा गाड़ रखा है।
भाजपा का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। बीजेपी को 43 साल हो गए। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की चर्चा के बिना केंद्र और प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी की बात अधूरी नजर आती है। 1998 में बतौर सांसद गोरखपुर से निर्वाचित हुए योगी आदित्यनाथ आज दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ चुके हैं। राज्य ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी योगी का कद काफी बढ़ चुका है। स्थानीय निकाय से लेकर विधानसभा और लोकसभा तक के चुनावों में योगी आदित्यनाथ की पूछ रहती है। कई राज्यों में वह स्टार प्रचारक के तौर पर जनता के बीच जाते हैं।
महज 26 साल की उम्र में 1998 में 12वीं लोकसभा के सबसे युवा सदस्य निर्वाचित हुए योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से अपराजेय रहे हैं। पांच बार लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद वह विधान परिषद और फिर पिछले साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में विधानसभा सदस्य भी चुने गए। 2017 में बीजेपी की जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाया जाना अप्रत्याशित फैसला रहा। लेकिन 2022 में दोबारा सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद उनका कद बढ़ गया है।
हिंदुत्व की राजनीति करने वाले योगी आदित्यनाथ के शुरुआती दौर में बीजेपी के साथ संबंध तनावपूर्ण भी रहे। उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा पर आधारित हिंदू युवा वाहिनी भी तैयार की। यह उनका अपना संगठन था। लेकिन सीएम बनने के साथ ही योगी ने वाहिनी को भंग कर दिया। पिछले 6 साल से योगी आदित्यनाथ ने सुशासन के साथ ही कानून-व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया है।
हिंदुत्व फायरब्रांड योगी आदित्यनाथ ऐसे पहले सीएम बन गए, जिन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर पांच साल कार्यकाल पूरा करने के बाद दोबारा से शपथ ली। बूचड़खानों को बंद करवाने से लेकर ऐंटी रोमियो स्क्वैड बनाने तक। लव जिहाद कानून से लेकर माफियाओं के खिलाफ बुलडोजर चलाने तक योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रमुख फैसले रहे हैं।
देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में दोबारा ऐतिहासिक जीत हासिल कर सत्ता के शीर्ष पर बैठे योगी आदित्यनाथ को अब प्रधानमंत्री कैंडिडेट के तौर पर भी देखा जा रहा है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने की चर्चा भी राजनीतिक गलियारे में शुरू हो गई है।