UP विधान परिषद के 26% माननीयों पर आपराधिक केस, ADR ने जारी की रिपोर्ट
विधान परिषद के 26% सदस्यों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। इसमें 19% के ऊपर तो गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं।
उत्तर प्रदेश के निचले सदन में हुए मंथन को और तराशने की जिम्मेदारी जिस उच्च सदन पर है, उसके सदस्यों के भी दामन दागदार हैं। विधान परिषद के 26% सदस्यों ने अपने ऊपर आपराधिक मुकदमे घोषित किए हैं। इसमें 19% के ऊपर तो गंभीर अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं। चुनाव सुधार पर काम कर रही संस्था असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एडीआर) और इलेक्शन वॉच ने सदस्यों के शपथ पत्र के विश्लेषण के आधार पर यह दावा किया है।
विधान परिषद में इस समय 98 सदस्य हैं। इसमें 10 मनोनीत सदस्य हैं। मनोनीत सदस्यों को आर्थिक एव आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी देने की अनिवार्यता नहीं होती। 88 सदस्यों में 81 के शपथपत्र का एडीआर ने विश्लेषण किया है। इसके अनुसार सबसे अधिक सदस्य संख्या वाली भाजपा के 33% तो सपा के 43% सदस्यों पर आपराधिक मुकदमे हैं। एक निर्दलीय सदस्य पर भी मुकदमा दर्ज है।
अर्थ एवं आपराधिक पृष्ठभूमि-
- 15 एमएलसी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
- 3 के ऊपर हत्या एवं 4 सदस्यों पर हत्या के प्रयास के मुकदमे हैं।
- 81% सदस्यों ने खुद को करोड़पति बताया है।
- 82% भाजपा एमएलसी करोड़पति हैं।
- 86% सपा एमएलसी करोड़पति हैं।
- 83% निर्दलीयों ने भी अपनी संपत्ति करोड़ों में घोषित की है।
उम्र एवं शिक्षा की तस्वीर-
- 81% सदस्य स्नातक या उससे अधिक पढ़े-लिखे हैं।
- 16% सदस्यों ने 8वीं से 12वीं के बीच पढ़ाई की है।
- 65% सदस्य 41 से 60 साल की उम्र सीमा के बीच के हैं।
- 10% सदस्यों की उम्र 40 साल से कम है।
- 6% महिलाओं को ही उच्च सदन में जगह मिली है।