'दारोगा भर्ती परीक्षा रद्द कर जांच कराई जाए', अखिलेश यादव ने सीएम योगी को लिखा पत्र
अखिलेश यादव ने सीएम योगी से पत्र के माध्यम से पूछा है कि 6 राज्यों में ब्लैक लिस्ट फर्म NSEIT को भर्ती परीक्षा कराने का टेंडर क्यों दिया गया?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश 2021 की दारोगा भर्ती प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में सपा मुखिया ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है, जिसमें परीक्षा रद्द कराकर दोबारा दारोगा भर्ती परीक्षा आयोजित कराने की भी मांग की गई है। वहीं, अखिलेश द्वारा सीएम योगी को लिखा गया पत्र भी सामने आ गया है, जिसमें दारोगा परीक्षा भर्ती को लेकर प्रदेश सरकार पर भी सवाल उठाए गए हैं।
SIT जांच कराने पर सरकार क्यों मौन- अखिलेश
अखिलेश यादव ने सीएम योगी से पत्र के माध्यम से पूछा है कि 6 राज्यों में ब्लैक लिस्ट फर्म NSEIT को भर्ती परीक्षा कराने का टेंडर क्यों दिया गया? पत्र में बताया गया है कि यही कम्पनी 2017 उत्तर प्रदेश दारोगा भर्ती में भी सेंधमारी कर चुकी है, जिसके बाद परीक्षा रद्द करके दोबारा परीक्षा आयोजित करानी पड़ी थी, फिर 2021 में इसी कम्पनी को पुनः परीक्षा आयोजित कराने का टेंडर क्यों दिया गया? वहीं, अखिलेश ने कहा कि सरकार यदि ईमानदारी व पारदर्शिता का दावा करती है तो दारोगा भर्ती में हुई धांधली के मामले में एसआईटी जांच कराने पर क्यों मौन है?
पत्र के माध्यम से अखिलेश ने लगाए गंभीर आरोप
वहीं, पत्र में कहा गया है कि परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी व सेन्टर मालिक पकड़े गए। STF ने उन सेन्टर को बैन किया, जिनके नाम एफआईआर में लिखे थे, लेकिन सरकार ने नया सेन्टर न बनाकर उसी सेन्टर पर परीक्षा आयोजित कराई। साथ ही भर्ती में धांधली स्क्रीन शेयर VNC APP सेन्टर खरीदकर जिस तरह से धांधली हो सकती थी, उस तरह से कराई गई। पत्र में आरोप लगाया गया कि दो माह पहले PET परीक्षा में जिन अभ्यर्थियों के 100 में से महज 15, 20, 35 नम्बर थे, उन अभ्यर्थियों ने दो माह बाद होने वाली दारोगा परीक्षा में 160, 154, 153, 150 तक सही प्रश्न हल किए। लड़कों की जो स्क्रीन वायरल हुई नीतीश कुमार उसका एक उदाहरण है।
आरक्षण को लेकर भी सवाल उठाए
अखिलेश ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाते हुए कहा है कि कई लड़के ऐसे हैं, जो DV-PST में फेल हैं, लेकिन उनका फाइनल रिजल्ट में नाम है। सरकार ने अभी हाल में 12 जून 2022 को जो रिजल्ट जारी किया, उसमें फिर से घोटाला कर दिया। साथ ही बताया गया कि कई अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो सामान्य वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग से आते हैं, उनको सरकार ने किसी को अनुसूचित जाति और किसी को अनुसूचित जनजाति बना दिया, जबकि उत्तर प्रदेश दारोगा भर्ती नियमावली में साफतौर पर लिखा है कि अन्य राज्य का अभ्यर्थी सामान्य वर्ग में ही गिना जाएगा, लेकिन रिजल्ट में उनको अनुसूचित जाति व अनुसूचित आरक्षण दे दिया गया। वहीं, सीएम योगी को लिखे गए पत्र में धांधली के संबंध में दिए गए विजय मिश्र, जय सिंह यादव व सावन शर्मा के शिकायती पत्र को भी संलग्न किया गया है।