'घर गिराना, एनकाउंटर करना, पुलिस का काम बढ़ गया है'... पूर्व स्पीकर के आरोप पर भड़क गए योगी के मंत्री सुरेश खन्ना
पूर्व स्पीकर और सपा विधायक माता प्रसाद पांडेय ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया तो सुरेश खन्ना ने योगी सरकार में अपराध में कमी के आंकड़े गिना दिए। उन्होंने सपा पर निशाना भी साधते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में कानून व्यवस्था में जमीन-आसमान का फर्क आया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है। इस दौरान सदन में पक्ष और विपक्ष में गर्मागर्म बहस देखने को मिल रही है। ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सामने आया, जब पूर्व विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडेय ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना से उस पर जवाब मांगा। पांडेय ने यूपी पुलिस पर तंज कसते हुए कहा कि आजकल उसके पास घर गिराने,एनकाउंटर करने जैसे कई काम होते हैं, इसलिए वह मुकदमे की ठीक से विवेचना नहीं कर पा रही है। इस पर जवाब देते हुए मंत्री सुरेश खन्ना सपा पर बरस पड़े और कहा कि पिछले 10 सालों में यूपी की कानून व्यवस्था में जमीन आसमान का अंतर आया है।
बता दें कि अखिलेश यादव के नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से ही विधनासभा के सभी सत्रों में सत्ता और विपक्ष दोनों में ही जबर्दस्त तकरार देखने को मिल रही है। अखिलेश ने खुद सदन में सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल रखा है। इस बीच मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान दोनों ही पक्षों में जमकर तीखी बहस भी हुई। समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडेय ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि आजकल उत्तर प्रदेश की पुलिस के जिम्मे कई काम लगे हैं। घर गिराना, एनकाउंटर करना जैसे तमाम काम हैं। उस काम के आगे मुकदमों की विवेचना जैसी सही ढंग से होनी चाहिए, वैसे वे नहीं कर पाते। ऐसे में न्यायालय से मुकदमे छूट जाते हैं।
पांडेय ने सवाल किया कि क्या सीएम ऐसे मुकदमों की विवेचना करने के लिए पुलिस की नई टीम बनाएंगे जो केवल विवेचना करें। इस पर जवाब देते हुए मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इस पर जरूर विचार होना चाहिए। लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस में सुधार हुए हैं, इसी वजह से हमारा क्राइम रेट डाउन हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि आपका (माता प्रसाद पांडेय का) जो सवाल है वो कानून-व्यवस्था से संबंधित सवाल है। कानून-व्यवस्था का ही विवेचना भी एक अंग है। अगर विवेचना प्रॉपर नहीं होती तो हम सजा भी नहीं दिला पाते।
खन्ना ने कहा कि इतनी जल्दी सजा दिलाने का मतलब है कि विवेचना समय से परफ़र्म की गई है। उन्होंने सपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कानून व्यवस्था में पिछले 10 सालों के मुकाबले में जमीन-आसमान का फर्क है। यह विवेचना की वजह से है कि डकैती में 79.78 फीसदी, लूट में 60.40 फीसदी, हत्या 88 फीसदी, फिरौती में 40, बलात्कार में 22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। एनसीआरबी ने योगी सरकार को एप्रिशियेट किया है।