किसने एक-एक कर चुरा ली CM शिवराज सिंह चौहान की 4 साइकिलें, जानिए वो दिलचस्प किस्सा
जब केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए (UPA) की सरकार चल रही थी, तब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ कैसे माहौल बनाया था। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास से सीएम शिवराज की एक-एक कर चार साइकिलें चोरी हो गई थीं।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें करीब 100 डॉलर प्रति बैरल है। इसी वजह से भारतीय बाजार में भी पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संकेत दे दिया था कि क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों का असर भारतीय बाजार में भी दिख सकता है। मौजूदा विपक्षी दलों पर आरोप लगते रहे हैं कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर वह देश में माहौल बनाने और सरकार पर दबाव बनाने में सफल नहीं हैं। ऐसे वक्त में एक ऐसा किस्सा याद आता है जब केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई में यूपीए की सरकार चल रही थी, तब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ कैसे माहौल बनाया था। इस दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास से सीएम शिवराज की एक-एक कर चार साइकिलें चोरी हो गई थीं।
किसने चुराई CM शिवराज की साइकिलें
यह बात उन दिनों की है जब केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने के चलते देश में पेट्रोल की कीमतें प्रति लीटर 70 रुपये से ज्यादा हो गई थीं। उस वक्त विपक्ष में मौजूद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी पार्टी के शासित राज्यों के नेताओं से कहा है कि वे अपने-अपने राज्यों में महंगे पेट्रो पदार्थों को लेकर आंदोलन करें।
महंगे पेट्रोलियम पदार्थों के खिलाफ विरोध करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तय किया कि वह साइकिल से वल्लभ भवन स्थित मंत्रालय जाएंगे। पहले दिन जब सीएम हाउस से शिवराज साइकिल पर सवार होकर मंत्रालय पहुंचे तो उनकी तस्वीरें मीडिया में खूब सुर्खियां बनी। दिलचस्प बात यह है कि सीएम शिवराज अपने घर से मंत्रालय तक साइकिल से आना-जाना शुरू किया तो पता चला कि हर दिन नई साइकिल प्रशासन को बुलानी पड़ती।
दरअसल, होता यह था कि शिवराज जिस साइकिल से मंत्रालय पहुंचते तो उन्हें गेट पर जो भी आदमी सामने दिखता उसे पकड़ा देते। दिलचस्पत बात यह है कि सीएम शिवराज जिसे भी साइकिल पकड़ाते वह धीरे से साइकिल अपने साथ लेकर चला जाता। चूंकि सुरक्षाकर्मियों का ध्यान मुख्यमंत्री पर होता इसलिए वह देख नहीं पाते कि साइकिल लेकर कौन चला गया। जैसे ही कर्मचारियों के बीच में यह सूचना फैली, मुख्यमंत्री की साइकिल पकड़ने के लिए कई लोग वल्लभ भवन की गेट पर खड़े रहने लगे। जब मुख्यमंत्री निवास ने चौथी बार नई साइकिल खरीदी और अधिकारियों ने पड़ताल की तब पिछली चोरी हुई साइकिलों का रहस्य खुला।