महंत नरेंद्र गिरी महाराज के शव के पास से सुसाइड नोट मिला है। जिसपर उनके खिलाफ साजिश रचने वालों का नाम भी है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फांसी के फंदे से लटकता मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने तहकीकात शुरू कर दी है। पुलिस को मौके से 6-7 पन्नों का सुसाइड बरामद हुआ है। जिसमें साफ तौर पर महंत ने अपने विवादित शिष्य आनंद गिरि का नाम भी लिखा है। जिन्होंने अच्छा किया उनके साथ उनका भी ज़िक्र है। किसको उत्तराधिकारी कौन होगा ये भी लिखा है। आनंद गिरि ने अपने खिलाफ साजिश बताया है। जिसने महंत नरेंद्र गिरि को मानसिक तौर पर परेशान किया था। पुलिस अब उनके शिष्य आनंद गिरि को लेकर जांच में जुट गई है। इसी के चलते हरिद्वार में आनंद गिरि को हिरासत में लिया गया है।
प्रयागराज पुलिस ने उनकी मौत को लेकर एक बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया कि मौका-ए-वारदात से 6-7 पेज का सुसाइड नोट मिला है। बरामद किए गए सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि और अन्य शिष्यों के नाम का उल्लेख किया है। उन्होंने सुसाइड नोट में माना कि वह कई कारणों से परेशान थे और इसी वजह से वे अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं. उन्होंने लिखा कि वे हमेशा गर्व के साथ जीते रहे और लेकिन वे इसके बिना नहीं रह पाएंगे। महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि आश्रम के बारे में क्या करना है और वसीयत नामा भी लिखा है। वसीयतनामे में लिखा है कि किसका ध्यान रखा जाना है। किस को क्या दिया जाना है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि मैंने आत्महत्या की है। क्योंकि वे अपने शिष्य से दुखी थे।
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