शिवसेना विधायक दल के नेता पद से हटाए गए शिंदे, बगावत के बाद एकनाथ का ट्वीट- 'सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे'
एकनाथ शिंदे इस समय सूरत में अपने समर्थन विधायकों के साथ हैं। शिंदे के बागी रुख के कारण उद्धव सरकार पर खतरा मंडरा रहा है।
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना ने अपने बागी नेता एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। उधर एकनाथ शिंदे ने बगावत के बाद पहली बार ट्वीट करके कहा है कि वो सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे।
दरअसल शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे पार्टी से नाराज होकर अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात पहुंच गए हैं। जिसके कारण उद्धव सरकार पर अल्पमत का खतरा मंडरा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार 12 विधायकों के साथ शिंदे सूरत पहुंचे हैं, हालांकि कहा जा रहा है कि उनके साथ 20 विधायक हो सकते हैं।
शिवसेना की तरफ से अभी तक यही कहा जा रहा है कि एकनाथ शिंदे को मना लिया जाएगा, सरकार पर कोई खतरा नहीं है, लेकिन अब शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है। शिंदे की जगह पर विधायक अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है।
उधर एकनाथ शिंदे ने ट्वीट करके कहा कि वो बाला साहब के पक्के शिवसैनिक हैं। उन्होंने कहा- “हम बालासाहेब के कट्टर शिव सैनिक हैं। बालासाहेब ने हमें हिंदुत्व सिखाया है। बालासाहेब की विचारधारा और आनंद दिघे की शिक्षाओं के प्रति सच्चे रहते हुए, हमने सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं दिया।”
वहीं इन घटनाक्रमों को लेकर सरकार में सहयोगी एनसीपी ने इसे शिवसेना का “आंतरिक मामला” करार दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कि यह तीसरा मौका है जब किसी ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की है और यह सफल नहीं हो सकता है। पवार ने कहा- “स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि हम कोई समाधान निकालेंगे।”
वहीं वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए सरकार में शामिल कांग्रेस भी सचेत होती नजर आ रही है। कांग्रेस ने पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को राज्य में पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वहीं बीजेपी भी चुपचाप इस मामले पर एक्टिव दिख रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा होने की उम्मीद है।