यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में हुई कथित देरी का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। इतना ही नहीं, वाराणसी में समाजवादी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचीं ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती पर भी सवाल उठाए
रूस-युक्रेन में जारी जंग के बीच भारत सरकार यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लगातार सुरक्षित वतन वापसी करवा रही है। हालांकि, यूक्रेन में फंसे छात्रों की वापसी के मसले पर सियासत भी तेज हो गई है। रूसी बमबारी का सामना कर रहे यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में हुई कथित देरी का हवाला देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। इतना ही नहीं, वाराणसी में समाजवादी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने पहुंचीं ममता बनर्जी ने पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती पर भी सवाल उठाए और कहा है कि जब पीएम मोदी को पहले से युद्ध के बारे में पता था तो पहले ही छात्रों को क्यों नहीं निकाला।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अखिलेश यादव की मौजूदगी में वाराणसी में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध चल रहा है और प्रधानमंत्री मोदी यहां मीटिंग कर रहे हैं, क्या जरूरी है? अगर आपके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इतने अच्छे संबंध हैं तो आपको तो पहले से ही पता था कि युद्ध होने वाला है तब ही आप भारतीय छात्रों को क्यों नहीं लेकर आए।
इसी रैली के दौरान वाराणसी में बुधवार को काले झंडे दिखाए जाने और विरोध किए जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि, "वह इससे न तो डरेंगी और न ही झुकेंगी।" ममता बनर्जी ने कहा कि, "कल जब मैं एयरपोर्ट से घाट जा रही थी तो मैंने देखा कि कुछ भाजपा कार्यकर्ता, जिनके दिमाग में गुंडागर्दी के अलावा और कुछ नहीं है, मेरे वाहन को रोक रहे हैं। उन्होंने मेरी कार को लाठियों से मारा और मुझे वापस जाने के लिए कहा। तब मुझे एहसास हुआ कि वे पागल हैं। उनका (भाजपा) नुकसान निकट है।" उन्होंने आगे कहा कि, "मैं डरती नहीं हूं। मैं कायर नहीं हूं। मैं एक योद्धा हूं। मैंने अपने जीवन में कई बार पिटाई और गोलियों का सामना किया लेकिन मैं कभी नहीं झुकी। कल जब वे मुझे घेर रहे थे, मैं अपनी कार से नीचे उतरी और उनका सामना करके देखा कि वे क्या कर सकते हैं। वे कायर हैं।"
बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में हिंदू युवा वाहिनी के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दक्षिणपंथी संगठन के समर्थकों ने ममता बनर्जी को काले झंडे दिखाये और उनके खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच, पश्चिम बंगाल के कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी का विरोध किए जाने की कड़ी आलोचना की। बनर्जी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में बृहस्पतिवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए बुधवार शाम को वाराणसी पहुंचीं थी। वह ‘गंगा आरती’ में शामिल होने के लिए दशाश्वमेध घाट की ओर बढ़ रही थीं, तभी चेतगंज चौराहे पर हिंदू युवा वाोहिनी के कार्यकर्ताओं ने उनके काफिले के सामने काले झंडे दिखाकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान ममता बनर्जी अपने वाहन से उतरीं और कुछ देर सड़क पर खड़ी रहीं। आगे बढ़ने पर उन्हें गदोलिया पर भी विरोध का सामना करना पड़ा, जहां भाजपा के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और ‘‘ममता बनर्जी वापस जाओ’’ के नारे लगाए। प्रदर्शन कर रहे युवकों ने ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाए।
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