मेरठ: 6 जिंदगियों को रौंदने वाले प्रेमपाल के खिलाफ गैर इरातदन हत्या का केस दर्ज
प्रेमपाल अक्सर बस को गलत दिशा में दौड़ाता था रांग साइड के हो चुके तीन चालान। प्रेमपाल पर बिहार में भी हादसे का एक केस दर्ज है जिसकी जानकारी मांगी गई। छह माह पूर्व संदीप चौधरी ने प्रेमपाल को अपने यहां चालक की नौकरी पर रखा था। पहले ही संदीप ने बस को नियमों के विपरित चलाने के लिए सख्त हिदायत दी थी।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर मंगलवार सुबह हादसे में एक परिवार के छह लोगों की मौत हो गई थी। इंचौली के धनपुर का यह परिवार खाटू श्यामजी के दर्शन के लिए राजस्थान जा रहा था। हादसे में बस चालक और मालिक पर आरोप है कि यातायात के नियमों की अनदेखी कर जानबूझकर हादसे को अंजाम दिया गया है। यही कारण है कि दोनों पर गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही चालक की अपराधिक कुंडली ढूंढी जा रही है।
बिहार में भी दर्ज है चालक के खिलाफ मुकदमा
दरअसल, बिहार में भी चालक के खिलाफ हादसे का मुकदमा दर्ज है। उक्त मुकदमे की डिटेल गाजियाबाद पुलिस की तरफ से मांगी गई है। बस मालिक गौतमबुद्ध नगर के एटीएस पैराडिसो का रहने वाला संदीप चौधरी है, जबकि बस का चालक प्रेमपाल पुत्र मिठ्ठन लाल सिंह निवासी ग्राम बिजौली थाना पाली मुकीमपुर जिला अलीगढ़ है। दोनों को क्रासिंग रिपब्लिक पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बस के हो चुके हैं 15 आनलाइन चालान
थाना प्रभारी उमेश नथानी ने बताया कि बस के 15 आनलाइन चालान हो चुके है, जिसमें तीन चालान गलत दिशा में बस चलाने के है। उससे साफ है कि अक्सर प्रेमपाल गलत दिशा से ही बस दौड़ाता था। बिहार में उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है, जिसकी जानकारी बिहार पुलिस से मांगी गई है। उसके अलावा एक हादसा अलीगढ़ में भी कर चुका है, जिसमें पीड़ित पक्ष से समझौता हो चुका है।
इनकी हुई गैरइरादतन हत्या और जानलेवा हमला
नरेन्द्र, अनिता, दिपांशु, हिमांशु, वंशिका और बबीता की हत्या करने का आरोप है, जबकि धर्मेंद्र और कार्तिक पर जानलेवा हमले का आरोप
ये है आरोपी चालक प्रेमपाल
कांवड़ यात्रा के दृष्टिगत रूट डायवर्जन होते हुए भी चालक प्रेमपाल जानबूझ कर गाड़ी को विपरित दिशा में चला रहा था। उसे पता था कि सामने से आने वाले वाहन हादसे का शिकार होकर मौत भी हो सकती है। उसके बाद भी गाड़ी को दौड़ाया जा रहा था। इसलिए प्रेमपाल के खिलाफ गैरइरादतन हत्या, जानलेवा हमला और तोड़फोड़ का मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मुकदमे में दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
मालिक संदीप
छह माह से बस को स्कूल से हटाने के बाद भी स्कूल बस लिखकर निजी कंपनी में प्रयोग किया जा रहा था। नियमों का उल्लंघन कर वाहन को चालक के सुपुर्द दिया गया था, जिसकी वजह से बस मालिक संदीप भी अपराधिक घटना में बराबर का हिस्सेदार है। ऐसे में संदीप पर गैरइरादतन हत्या, जानलेवा हमला और तोड़फोड़ का आरोपित बनाया है। इसमें दस साल से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।