बाराबंकी: परमीशन की आड़ में खनन माफिया ने बर्बाद कर दीं सड़कें
परमीशन की आड़ में ओवरलोड डंपर सड़काें को ही बर्बाद नहीं कर रहे हैं, बल्कि नहरों और माइनरों पर बने पुल और पुलिया को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिससे खनन करने वालों के हौसले बुलंद हैं और अनुमति की आड़ लेकर खुले बाजार में मिट्टी बेच रहे हैं।
जिले में अनुमति लेकर सबसे ज्यादा खनन का कार्य जाटा बरौली, सतरिख, सिकंदरपुर, अख्तियारपुर, सफदरगंज, टिकैतनगर, फतेहपुर, बेलहरा और जहांगीराबाद क्षेत्र में होता है। इनमें कई स्थानों पर तो माइन मित्रा पोर्टल पर 100 घन मीटर की अनुमति लेकर अवैध खनन किया जा रहा है, लेकिन इनके खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई न किए जाने से ओवरलोड डंपर सड़कों को बर्बाद कर रहे हैं। इन सड़काें पर वाहनों से तो दूर की बात पैदल चलना भी मुश्किल होता जा रहा है।
जाटा, सतरिख, अखितयारपुर के लोगों ने इसकी शिकायत भी और यह भी बताया कि किस तरह से यहां की सड़कों को ओवरलोड डंपरों ने बर्बाद किया है और बरौली माइनर पर बनी पुलिया भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। इस पर खनन विभाग की ओर से लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग को पत्र जारी कर यह जानकारी भी मांगी गई है कि ओवरलोडे डंपरों से कितनी सड़कें बर्बाद हुई हैं और कितनी पुल व पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं।
अदालत की शरण में पहुंचे ग्रामीण
जाटा गांव के लोगों ने मिट्टी खनन के खिलाफ अदालत की शरण ली है। जिस पर अदालत ने जिला प्रशासन से जवाब तलब किया था। प्रशासन की ओर से दिए गए जवाब से संतुष्ट अदालत ने गांव के लोगों की ओर से दायर की गई अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि इससे जनहित काे कोई लाभ होने वाला नहीं है, इसलिए ऐसी किसी भी याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।
जिला खनन अधिकारी शैलेंद्र मौर्य के अनुसार माइन मित्रा पोर्टल पर आवेदन करने के बाद लोग स्वत: मिट्टी का खनन करते हैं। कुछ लोगों द्वारा अनुमति लेकर खनन किया जाता है। मगर सड़कों और पुल व पुलिया को क्षतिग्रस्त करने का अधिकार किसी को नहीं है। इस पर अपर जिलाधिकारी के आदेश पर विभागों को पत्र भेजकर सूचना एकत्र की जा रही है।