लखनऊ: बदमाशो ने रात के अँधेरे में बरसाई ताबड़तोड़ गोलियां, गांव वालों को लगा रात में हो रही आतिशबाजी- एक व्यक्ति की मौत
पूर्व ब्लाक प्रमुख राम विलास रावत बुद्देश्वर में रहते हैं। रात वह तेज किसन खेड़ा गांव में राम कुमार लोधी के बेटे के तिलक समारोह में शामिल होने गए थे। देर रात ग्राम प्रधान रामफल यादव के भाई अनंत राम यादव जयकरन और ग्रामीण छोटू रावत राम विलास रावत को समारोह स्थल के बाहर खड़ी उनकी कार तक छोड़ने जा रहे थे।
काकोरी इलाके के तेज किसन खेड़ा गांव में शुक्रवार देर रात ताबड़तोड़ गोलियां चलीं। असलहों से लैस बदमाशों ने तिलक समारोह में शामिल होकर निकल रहे पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं भाजपा कार्यकर्ता राम विलास रावत पर गोलियां बरसाई। गोली लगने से पूर्व ब्लाक प्रमुख समेत तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। 60 वर्षीय ग्रामीण अनंतराम यादव की मौत हो गई। घटना के पीछे चुनावी रंजिश बताई जा रही है।
चुनावी रंजिश बताई जा रही वजह
पुलिस ने देर रात एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है। पूर्व ब्लाक प्रमुख राम विलास रावत बुद्देश्वर में रहते हैं। रात वह तेज किसन खेड़ा गांव में राम कुमार लोधी के बेटे के तिलक समारोह में शामिल होने गए थे। देर रात ग्राम प्रधान रामफल यादव के भाई अनंत राम यादव, जयकरन और ग्रामीण छोटू रावत राम विलास रावत को समारोह स्थल के बाहर खड़ी उनकी कार तक छोड़ने जा रहे थे। इसी दौरान असलहों से लैस ज्ञानी लोधी, मोनू रावत, बब्लू उर्फ रितेश, श्रीकृष्ण और दो से तीन अज्ञात ने उन्हें रोका और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने लगे।
गोली लगने से पूर्व ब्लाक प्रमुख राम विलास रावत, अनंत राम यादव, छोटू रावत और जयकरन यादव घायल हो गए। चारों को आननफानन ग्रामीण और घरवाले कृष्णानगर में अपोलो अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां, डाक्टरों ने अनंतराम को मृत घोषित कर दिया, जबकि छोटू और राम विलास रावत की हालत गंभीर देख उन्हें भर्ती कर लिया।
वहीं, अनंतराम के भाई जयकरन को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। अनंतराम के सिर और गले में गोली लगी थी। घटना की जानकारी पर इंस्पेक्टर काकोरी, पुलिस उपायुक्त पश्चिम डा. दुर्गेश कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे। गांव में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपित ज्ञानी और रामफल यादव दोनों ने ही प्रधानी का चुनाव लड़ा था। रामफल यादव जीत गए थे। इसके बाद से दोनों पक्षों में रंजिश चल रही थी। एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री का खुद को बताता था रिश्तेदार
वहीं, रामफल की तहरीर पर हत्या, जानलेवा हमला समेत अन्य धाराओं में आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उधर, ग्रामीणों के मुताबिक आरोपित मोनू रावत खुद को केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का रिश्तेदार और उनका प्रतिनिधि बताकर पूरे गांव में रौब झाड़ता था। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने बताया कि मोनू उनका रिश्तेदार नहीं है और न ही कभी प्रतिनिधि रहा। उनके प्रतिनिधि प्रवीन अवस्थी हैं। हां मोनू उनके यहां आता-जाता था, लेकिन कई माह पहले उसे भगा दिया गया था।
पूर्व ब्लाक प्रमुख को मारने गये थे हमलावर
मोनू रावत और उसके साथी पूर्व ब्लाक प्रमुख अनंत राम यादव को मारने के लिए गए थे। ग्रामीणों के मुताबिक मोनू रावत का भाई अखिलेश दुष्कर्म के मामले में जेल गया था। राम विलास के एक परिचित ने ही अखिलेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस बात को मोनू रंजिश मानता था।
भागकर एक घर में छुप गए थे पूर्व ब्लाक प्रमुख
आठ से 10 राउंड ताबड़तोड़ चलीं गोलियों से पूरे गांव में दहशत फैल गई। गोलियां चलते ही राम विलास रावत, छोटू और जयकरन पहले भागे। तबतक बदमाशों ने घेरकर गोलियां चलानी शुरू कर दी। रामविलास के पेट में एक गोली लगी फिर भी वह भागकर एक घर में छुप गए।
ग्रामीणों को लगा तिलक समारोह में हो रही आतिशबाजी
ताबड़तोड़ चली गोलियों के कारण पहले तो ग्रामीण भी नहीं समझ सके कि क्या हुआ है। ग्रामीणों को पहले यही लगा कि वहां आतिशबाजी हो रही है। जब उन्हें गोलियां चलने के बारे में पता चला तो तमाम ग्रामीणों ने अपने घरों के दरवाजे बंद कर लिए।