CM शिंदे घर जाकर मिले, टाटा क्यों टाटा हैं, यह तस्वीरें और वीडियो बताते हैं
महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज देश के जाने माने बिज़नेसमैन रतन टाटा से उनके घर जाकर मुलाकात की। शिंदे ने बताया की यह एक शिष्टाचार भेंट थी। उन्होंने यह भी बताया कि टाटा की तबियत ठीक है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार की सुबह देश और दुनिया के जाने-माने उद्योगपति और टाटा समूह के सर्वेसर्वा रतन टाटा से उनके घर पर जाकर मुलाकात की। तकरीबन 45 मिनट चली इस मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि रतन टाटा से उनकी यह मुलाकात एक शिष्टाचार भेंट थी। सीएम ने बताया कि रतन टाटा की तबीयत ठीक है। रतन टाटा ने भी एकनाथ शिंदे को बतौर मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण करने के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
रतन टाटा की तबियत ठीक
एकनाथ शिंदे और रतन टाटा की मुलाकात क्यों हुई? इसकी असल वजह का खुलासा तो सीएम ने नहीं किया। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि वह रतन टाटा के स्वास्थ्य का हाल-चाल लेने के लिए उनके घर आए थे।
कर्मचारियों को अपना परिवार मानते हैं रतन टाटा
रतन टाटा और उनके परिवार की दरियादिली से हर कोई वाकिफ है। हाल में लोगों ने 84 वर्षीय रतन टाटा का वो रूप भी देखा था। जिसके बाद लोगों की आंखों में आंसू गए। साथ ही उनके लिए सम्मान और भी बढ़ गया। दरअसल पिछले साल रतन टाटा मुंबई से पुणे अपनी कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी से मुलाकात करने के लिए गए थे। यह कर्मचारी काफी दिनों से बीमार था और रतन टाटा उसकी तबीयत का हाल चाल लेने के लिए अचानक उनके घर पहुंच गए थे।
रतन टाटा के इस तरह एक सामान्य कर्मचारी के घर पहुंच जाने से लोग हैरान थे। इस तरह रतन टाटा ने दुनिया के समक्ष इंसानियत की मिसाल पेश की थी। टाटा पुणे में रहने वाले इनामदार परिवार के घर गए थे। जो उनका पूर्व कर्मचारी था।
टाटा क्यों हैं टाटा
रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। वह फिलहाल टाटा समूह के वर्तमान अध्यक्ष हैं। जो भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह है। इस समूह के स्थापना जमशेदजी टाटा ने की थी। इस विरासत को फिलहाल रतन टाटा बखूबी संभाल रहे हैं। उन्हें साल रतन टाटा साल 1991 में जेआरडी टाटा के बाद समूह के पांचवें अध्यक्ष बने थे। उन्होंने साल 1962 में टाटा समूह के साथ अपना कार्य प्रारंभ किया था। उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण और साल 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। रतन टाटा ने टेटली, जगुआर लैंडरोवर और कोरस जैसी कंपनियों का टाटा समूह में अधिग्रहण भी किया है।
उन्होंने आम आदमी को भी कार से चलने का सपना दिखाया और उसके लिए नैनो जैसी लखटकिया कार बनाकर उसके सपने को साकार किया। रतन टाटा यह रतन टाटा ही थे जो इंडिका जैसी कार को भी बाजार में लाए थे। रतन टाटा की मेहनत की बदौलत आज दुनिया के 80 देशों में टाटा समूह की कंपनियां मौजूद हैं।