वाराणसी: ज्ञानवापी में लोहे के रैक को लेकर हुआ विवाद, जाने क्यों नाराज हुए नमाजी
ज्ञानवापी में शुक्रवार को दोपहर में करीब एक बजे नमाज पढ़ने वालों की भीड़ पहुंची थी। कुछ नमाजी लोहे का छह रैक (जूता स्टैंड) लेकर पहुंच गए। वहां जवानों ने सुरक्षा कारणों से उसे अंदर ले जाने से रोक दिया। इससे नाराज अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी नमाज पढ़ने को अंदर न जाने पर अड़ गए तो विवाद गहराने लगा।
ज्ञानवापी परिसर में लोहे का रैक (जूता स्टैंड) ले जाने से रोके जाने पर शुक्रवार को नमाजी नाराज हो गए। पुलिस और प्रशासन के उच्चाधिकारी पहुंचे तो लिखित अनुमति मांगी गई, जिस पर नमाजियों को आपत्ति थी।
अधिकारियों ने कहा कि नमाज पढ़कर लौटिए तो मीटिंग के जरिए समाधान निकाला जाएगा। नमाज के बाद बैठक हुई तो समस्या का हल निकल आया और दोनों पक्षों की सहमति से अलग-अलग जगहों पर लोहे के रैक रखवा दिए गए और विवाद खत्म हो गया।
ज्ञानवापी में शुक्रवार को दोपहर में करीब एक बजे नमाज पढ़ने वालों की भीड़ पहुंची थी। कुछ नमाजी लोहे का छह रैक (जूता स्टैंड) लेकर पहुंच गए। वहां जवानों ने सुरक्षा कारणों से उसे अंदर ले जाने से रोक दिया। इससे नाराज अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी नमाज पढ़ने को अंदर न जाने पर अड़ गए तो विवाद गहराने लगा। जिसके बाद अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था चनप्पा शिवसिम्पि, डीसीपी क्राइम चंद्रकांत मीणा, एसीपी भेलूपुर प्रज्ञा पाठक आदि अफसर पहुंच गए।
अधिकारियों ने जूता स्टैंड ले जाने को लिखित अनुमति मांगी तो ‘नोमानी’ ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि, जरूरत के समान ले जाने को लिखित अनुमति मांगना अनुचित है। जिसके बाद अधिकारियों ने कहा कि नमाज पढ़कर लौटिए तो बैठक करके हल निकाला जाएगा।
मीटिंग में नमाजियों ने कहा कि जूता स्टैंड न होने से परेशानी होती है, इसलिए रैक बनवाया गया है। पक्षकारों में बातचीत के बाद सहमति बनी तो हल निकाल आया।
डीसीपी काशी जोन प्रमोद कुमार ने बताया कि सुरक्षा कारणों से रोका गया था। अधिकारियों से बातचीत कर हल निकाला गया है। उधर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि अच्छे वातावरण में सबकुछ बीत गया। विवाद जैसी कोई बात नहीं है।