NITI Aayog की बैठक का विरोध करने वाले मुख्यमंत्रियों पर भाजपा ने उठाए सवाल, कहा- 'ये राज्यों के विकास का बहिष्कार'
रविशंकर प्रसाद ने नीति आयोग की पुरानी बैठकों में तैयार रोडमैप और उससे हुए फायदे को भी गिनाया। उनके अनुसार देश इन्हीं बैठकों में गांवों और पंचायतों को अत्याधुनिक संचार सेवाओं से जोड़ने का रोडमैप तैयार किया गया था।
गैर भाजपा शासित आठ राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक के बहिष्कार को भाजपा ने दुर्भाग्यपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना रवैया करार दिया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करना संबंधित राज्य के विकास के बहिष्कार करने के बराबर है। मोदी विरोध के लिए अपने ही राज्य का नुकसान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि आखिर आप कहां तक जाओगे।
लोकसभा चुनाव में अभी एक साल की देरी: रविशंकर
रविशंकर प्रसाद के अनुसार नीति आयोग की बैठक का विरोध करने वाली पार्टियों का पुराना रवैया भी यही रहा है। वे इसके पहले सीएजी, सीईसी, चुनाव आयोग का विरोध कर चुके हैं। ये वहीं पार्टियां हैं, जो नए संसद भवन के उद्घाटन का भी विरोध कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में अभी एक साल की देरी है। उस समय राजनीतिक लड़ाई लड़ी जा सकती है। लेकिन देश के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए हो रही बैठक का बहिष्कार सही नहीं है।
रविशंकर प्रसाद ने नीति आयोग की बैठक की अहमियत बताते हुए कहा कि इसमें विकसित भारत@2047, एमएसएमई को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे के विकास व उसमें निवेश, सरकारी प्रक्रियाओं के सरलीकरण, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य व पोषण, कौशल विकास, क्षेत्रीय, सामाजिक व बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रोडमैप पर चर्चा हुई। जिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में भाग नहीं लिया, वे अपनी राज्य की जरूरत के मुताबिक अपनी मांग रखने में विफल रहे। जाहिर है इसका खामियाजा संबंधित राज्य की जनता को भुगतना पड़ेगा।
संचार सेवाओं से जोड़ने का रोडमैप तैयार किया गया था
रविशंकर प्रसाद ने नीति आयोग की पुरानी बैठकों में तैयार रोडमैप और उससे हुए फायदे को भी गिनाया। उनके अनुसार देश इन्हीं बैठकों में गांवों और पंचायतों को अत्याधुनिक संचार सेवाओं से जोड़ने का रोडमैप तैयार किया गया था और उसका परिणाम हुआ कि देश में मार्च 2023 तक 6.2 किलोमीटर आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम पूरा हो चुका है। इसके माध्यम से 1.96 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों तक इससे जोड़ने में सफलता मिली है। जबकि 4702 ग्राम पंचायतों को सैटेलाइट मीडिया से जोड़ा गया है।