मेज मत थपथपाएं... जब डेरेक ओ ब्रायन के साथ तीखी नोकझोंक के बीच बोले सभापति धनखड़
मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत 47 विपक्षी सदस्यों ने नोटिस दिया था और वह लगातार मांग कर रहे थे कि सूचीबद्ध मुद्दों को निलंबित कर पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा की जाए। इस पर सभापति ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि उच्च सदन में सांसदों के व्यवहार को पूरी दुनिया देखती है।
संसद के मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे को लेकर गतिरोध जारी है। इसी बीच राज्यसभा में शुक्रवार को तीखी नोकझोंक देखने को मिली। बता दें कि सदन में जारी हंगामे के बीच तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कुछ ऐसा किया कि सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए और फिर सदन की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत 47 विपक्षी सदस्यों ने नोटिस दिया था और वह लगातार मांग कर रहे थे कि सूचीबद्ध मुद्दों को निलंबित कर पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति पर चर्चा की जाए। इस पर सभापति ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि उच्च सदन में सांसदों के व्यवहार को पूरी दुनिया देखती है। जब सभापति बोल रहे थे इसी बीच डेरेक ओ ब्रायन उन्हें टोंकते हुए मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे। जिसकी वजह से जगदीप धनखड़ नाराज हो गए।
TMC सांसद ने मेज पर मारा हाथ
इसको लेकर तृणमूल सांसद भड़क गए और अपनी बात रखने लगे। इसी बीच उनकी आवाज भी तेज हो गई। इस पर सभापति ने एक बार फिर से अपनी आपत्ति दर्ज कराई और फिर तृणमूल सांसद ने मेज पर जोर से हाथ मारते हुए कहा कि मुझे भी नियम पता हैं।
ऐसे में सभापति ने तृणमूल सांसद के व्यवहार पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि मेज मत थपथपाएं... इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।
कितनी देर तक चली सदन की कार्यवाही?
तीखी नोकझोंक के बीच सदन की कार्यवाही महज 27 मिनट तक ही चली। इस दौरान दो सांसदों को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गईं और सेवानिवृत्त हो रहे विनय दिनूर तेंदुलकर (भाजपा) को विदाई दी गई। सनद रहे कि 20 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्षी सांसद मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। इसी तरह के 25 जुलाई तक 50 नोटिस दिए जा चुके हैं।