चीफ जस्टिस का राजनीतिक दलों पर कटाक्ष, कहा- पार्टियां चाहती हैं न्यायपालिका उनके एजेंडे का करें समर्थन
सीजेआइ ने कहा कि सत्ता में बैठे राजनीतिक दलों का मानना है कि न्यायपालिका को उनके हर सरकारी फैसले का समर्थन करना चाहिए और विपक्षी पार्टियां न्यायपालिका से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद करती हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमणा (Chief Justice NV Ramana) ने शनिवार को देश की सभी राजनीतिक पार्टियों को कड़ा संदेश दिया है। सीजेआइ ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि सत्ता में बैठे राजनीतिक दलों का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। वहीं विपक्षी पार्टियां न्यायपालिका से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद करती हैं। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका एकदम स्वतंत्र है और वो केवल संविधान के प्रति जवाबदेह है। गौरतलब है कि सीजेआइ का यह बयान हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा पर उदयपुर की घटना को लेकर की गई टिप्पणी के बाद आया है।
आजादी के 75 वर्ष बाद भी कई चीजें अधूरी
मुख्य न्यायाधीश रमणा अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में एसोसिएशन आफ इंडियन अमेरिकन्स द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में शामिल हुए थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआइ ने कहा "जैसा कि हम इस वर्ष स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष का जश्न मनाने वाले हैं और हमारा गणतंत्र 72 वर्ष का हो गया है, कुछ अफसोस के साथ मुझे यहां जोड़ना चाहिए कि हमने अभी भी संविधान द्वारा प्रत्येक संस्थान को सौंपी गई भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की पूरी तरह से सराहना करना नहीं सीखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'यह भारत और अमेरिका के बीच प्रगतिशील साझेदारी है, जिसके कारण 2021 में 113 बिलियन डालर के बड़े पैमाने पर द्विपक्षीय माल का व्यापार हुआ है।' मुख्य न्यायाधीश रमणा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, 'सिलिकॉन वैली में 50% बिजनेस-टू-बिजनेस स्टार्ट-अप की स्थापना की गई है।'
संविधान के बारे में उचित समझ का अभाव
सीजेआइ ने आगे कहा कि सत्ता में मौजूद पार्टी का मानना है कि हर सरकारी कार्रवाई न्यायिक समर्थन की हकदार है। वहीं विपक्ष में बैठी पार्टियां न्यायपालिका से अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने की उम्मीद करती हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के बारे में लोगों के बीच उचित समझ के अभाव में यह गलत सोच पनपती है।