भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के आरोप में 8 यूट्यूब चैनल ब्लाक, 85 लाख से ज्यादा थे सब्सक्राइबर
भारत सरकार ने आठ यूट्यूब चैनल पर प्रतिबंध लगा दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आईटी नियम 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए ये कार्रवाई की। चैनल्स पर भारत की सुरक्षा पर असर डालने वाली सामग्री परोसने का आरोप है।
केंद्र सरकार ने कुछ यूट्यूब चैनल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 8 यूट्यूब चैनल को ब्लाक कर दिया है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर डालने वाली सामग्री परोसने के आरोप में ये कार्रवाई की गई है।
बताया जा रहा है कि यूट्यूब चैनल पर भारत के विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने का भी आरोप है। मंत्रालय ने आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए ये कार्रवाई की। सरकार ने सात भारतीय जबकि एक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल को ब्लाक किया है।
सरकार ने जारी किया बयान
सरकार की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि ये चैनल केंद्र द्वारा धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने, धार्मिक त्योहारों के उत्सव पर प्रतिबंध लगाने, भारत में धार्मिक युद्ध की घोषणा जैसे झूठे दावे कर रहे थे। बयान में आगे कहा गया कि इस तरह की सामग्री में सांप्रदायिक विद्वेष पैदा करने और देश में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने जैसा पाया गया।
भारतीय सेना के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का आरोप
बयान में कहा गया कि यूट्यूब चैनल पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर को लेकर फेक न्यूज फैलाने का भी आरोप है। राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी राज्यों के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के दृष्टिकोण से सामग्री को पूरी तरह से गलत और संवेदनशील माना गया है।
करोड़ों में थी दर्शकों की संख्या
जिन यूट्यूब चैनल को ब्लाक किया गया है, उनके व्यूज की संख्या 114 करोड़ से अधिक थी। इसके अलावा सब्सक्राइबर्स की संख्या 85 लाख से अधिक थी। आईटी नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का उपयोग करते हुए, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के लिए 8 YouTube समाचार चैनलों को अवरुद्ध कर दिया है।
बीते महीने भी ब्लाक किये थे कई यूट्यूब चैनल
बता दें कि इससे पहले बीते महीने भी सरकार ने 78 यूट्यूब चैनल को ब्लाक किया था। आईटी एक्ट 2000 की धारा 69A के उल्लंघन के आरोप में ये कार्रवाई की गई थी। सरकार का कहना था कि ये चैनल्स भारत में दहशत फैलाने, सांप्रदायिक विद्वेष भड़काने और सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने के लिए झूठी जानकारी फैला रहे थे।