75 साल में ऐसे बढ़े भारत के कदम, तेजस से लेकर चंद्रयान तक देश ने रचा इतिहास
देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। सेनानियों की कुर्बानी को याद करने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं स्वतंत्रता से अब तक 75 साल के इस कालखंड की प्रमुख उपलब्धियां..
वर्षों तक आक्रांताओं की लूट का शिकार बना भारत ब्रिटिश राज से मुक्ति के बाद आर्थिक रूप से कमजोर था। धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए आज वह केवल आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है बल्कि विज्ञान-तकनीक और समरिक क्षेत्रों में भी आगे बढ़ा है। स्वतंत्रता से अब तक 75 साल के इस कालखंड की प्रमुख उपलब्धियां..
1950 में लागू हुआ संविधान
देश में गणराज्य और लोकतंत्र लागू करने के लिए संविधान का निर्माण किया गया। यह देश को समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाता है। अंग्रेजों की गिुलामी से आजाब हुए देश के नागरिकों को संविधान ने सरकार खुद चुनने की आजादी दी।
1952 लोकसभा चुनाव
देश में पहली बार वर्ष 1952 में लोकसभा चुनाव हुए। लगभग 17 करोड़ लोगों ने मतदान किया।
1954 भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर
अमेरिका और रुस जैसे देश परमाणु ऊर्जा का प्रयोग कर रहे थे। ऐसे में भारत ने आजादी का एक दशक पूरा होने से पहले ही इस क्षेत्र में दस्तक दे दी। मुंबई के उपनगर ट्रांबे में परमाणु उर्जा संस्थान की स्थापना की गई। बाद में इसे भाभा परमाणु रिसर्च सेंटर नाम दिया गया। यहां काम कर रहे संयत्र परमाणु ऊर्जा उत्पादन से लेकर उसका शांतिपूर्ण प्रयोग तक सुनिश्चित करते हैं।
1974 पहला परमाणु परीक्षण
देश का पहला सफल परमाणु परीक्षण 18 मई, 1974 को राजस्थान के पोखरण में हुआ। इसे स्माइलिंग बुद्धा नाम दिया गया। इसने भारत को शक्ति संपन्न देश के रूप में स्थापित किया।
1975 देश के पहले उपग्रह आर्यभट्ट का सफल प्रक्षेपण
इसरो ने अंतरिक्ष अनुसंधान को गति देते हुए देश का पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट अंतरिक्ष में छोड़ा। इस स्वदेशी उपग्रह की लांचिंग रुस के वोल्गोग्राड लांच स्टेशन से की गई। प्रसिद्ध भारतीय खगोलविद आर्यभट्ट के नाम पर इसका नामकरण किया गया था। इसकी लागत लगभग तीन करोड़ रुपये थी। इसके सफल प्रक्षेपण से भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया जिसके पास अपना उपग्रह था।
1984 अंतरिक्ष में राकेश
देश के लिए यह एक गर्व का क्षण था जब पहली बार एक भारतीय अंतरिक्ष में गया। रूस के दो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ भारत के राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में कदम रखा। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो उन्होंने जवाब दिया, सारे जहां से अच्छा। भारत सरकार ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया।
2001 तेजस की पहली उड़ान
एचएएल ने लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट पर वर्ष 1980 में काम शुरू किया। दो दशक बाद इसने पहली ऐतिहासिक उड़ान भरी।
2008 चंद्रयान की सफलता
इस वर्ष इसरो ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। अक्टूबर ने इसरो ने चंद्रमा पर पहला मानवरहित यान भेजा। यह चंद्रयान अपने पहले ही प्रक्षेपण में चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया।
2013 मंगलयान
भारत ने मंगल के लिए अपना यान रवाना किया। 2014 में मंगल की कक्षा में इस यान के पहुंचने के साथ ही भारत
यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन गया। इस अभियान की लागत 450 करोड़ रुपये रही, जो अमेरिका, रूस और यूरोप से कई गुना कम है।
2016 तीन महिलाएं बनीं लड़ाकू विमान पायलट
इस वर्ष तीन महिला पायलट महिला सशक्तीकरण की मिसाल बनीं। भावना कंठ, अवनी चतुर्वेदी और
मोहाना सिंह लड़ाकू विमान चलाने वाली महिला विमान चालकों के रूप में वायु सेना में शामिल हुईं।
2017 104 उपग्रहों के प्रक्षेपण से रचा इतिहास
इस वर्ष फरवरी में इसरो ने फिर इतिहास रचा। इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने का रिकार्ड बनाया। इन उपग्रहों में से 101 विदेशी थे। इससे पहले इसरो एक बार में 23 उपग्रह छोड़ चुका था। रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के नाम एक बार में 37 उपग्रह भेजने का रिकार्ड था, जिसे इसरो ने अपने नाम कर लिया।
2022 देश को मिला दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर
आत्मनिर्भर भारत अभियान की एक बड़ी सफलता के रूप में इस वर्ष भारतीय नौसेना को उसका दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत मिला। यह एयरक्राफ्ट कैरियर 74 प्रतिशत स्वदेशी तकनीक से बना है।