प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति नायडू को लिखा पत्र, स्वतंत्रता सेनानी विनोबा भावे से की तुलना
पीएम मोदी ने वेंकैया की वाकपटुता की सराहना करते हुए उनकी तुलना प्रसिद्ध गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी विनोबा भावे से की है। पीएम ने कहा वे (विनोबा) जानते थे कि यथोचित शब्दों का उपयोग करते हुए किसी चीज को सटीक तरीके से कैसे कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की विचारधारा को लेकर प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी कारण से वे एक ऐसी पार्टी में शामिल हुए, जिसकी उनके राज्य आंध्र प्रदेश में मामूली उपस्थिति थी। बुधवार को उपराष्ट्रपति पद से रिटायर हुए वेंकैया को लिखे विदाई पत्र में मोदी ने कहा कि उनकी ऊर्जा प्रभावित करने वाली है।
पीएम मोदी ने वेंकैया की वाकपटुता की सराहना करते हुए उनकी तुलना प्रसिद्ध गांधीवादी और स्वतंत्रता सेनानी विनोबा भावे से की है। पीएम ने कहा, वे (विनोबा) जानते थे कि यथोचित शब्दों का उपयोग करते हुए किसी चीज को सटीक तरीके से कैसे कहा जाता है। जब मैं आपको सुनता हूं तो उसी विद्वत्ता को देखता हूं। आपके अंदर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने और चीजों को साधारण तरीके से कहने की क्षमता है।
नायडू को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा, आपकी ऊर्जा असरकारी है। आपकी बुद्धि और ज्ञान में इसे देखा जा सकता है। आपकी एक पंक्ति वाली चुटीली टिप्पणियों की हर जगह प्रशंसा होती है। आपकी सबसे बड़ी शक्तियों में वाकपटुता हमेशा से शामिल रही है। नायडू की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए मोदी ने लिखा कि नेल्लोर की छोटी गलियों से उपराष्ट्रपति बनने तक आपकी यात्रा उत्कृष्ट और प्रेरणादायी रही है। जब भी कोई चुनौती या अवरोध आया तो उसने आपके काम करने के संकल्प को और अधिक मजबूत ही किया। आपके प्रयासों की सफलता सभापति के रूप में आपके कार्यकाल के दौरान राज्यसभा की उत्पादकता में रिकार्ड वृद्धि में झलकती है।
पत्र में प्रधानमंत्री ने उस समय को भी याद किया जब भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय थे और नायडू के साथ उनका जुड़ाव था। उन्होंने लिखा कि इससे जुड़ा एक किस्सा है जो मेरे दिमाग में आता है। आडवाणी जी की रथ यात्रा के दौरान, मुझे विभिन्न संगठनात्मक कर्तव्य दिए गए थे और मैं यात्रा पर नजर रख रहा था। एक मौके पर मैंने आडवाणी जी के साथ जा रहे सुरक्षाकर्मियों से उनके अनुभव के बारे में पूछा और उनमें से एक ने मुझे बताया कि आंध्र प्रदेश में कुछ कार्यक्रम विशेष रूप से सुखद थे। जब मैंने पूछा कि क्यों, उन्होंने मुझे बताया कि एक नेता वेंकैया नायडू जी थे, जो सुपर-फास्ट तेलुगु में बोलते थे और जबकि उन्हें समझ में नहीं आता था कि क्या कहा जा रहा है, वे दर्शकों पर जबरदस्त प्रभाव देख सकते हैं।