देश को मिला नया संसद भवन, भव्यता के आगे विदेशी पार्लियामेंट भी फेल; देखें मनमोहक तस्वीरें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। वहीं आज उन्होंने देश को नया संसद भवन समर्पित कर दिया है। नया संसद भवन कुल 64500 वर्ग मीटर एरिया में बन रहा है. यह इमारत 4 मंजिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को नया संसद भवन समर्पित कर दिया है। नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह पूजा-पाठ से शुरू हुआ था। इसमें पीएम मोदी के द्वारा ऐतिहासिक और धार्मिक सेंगोल को भी स्थापित किया गया है। लोकतंत्र के प्रतीक की तस्वीरें इतनी मनमोहक हैं कि इसके आगे विदेशों के भी पार्लियामेंट फेल हो गए हैं। नए संसद भवन की भव्यता आपका मन मोह लेगी। देखिए नए संसद भवन की भव्य तस्वीरें...
2020 में रखी थी आधारशिला
पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इस बिल्डिंग को आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया था और तय समय सीमा के भीतर यह बनकर तैयार हो गया है और तय समय के अनुसार राष्ट्र को नया संसद भवन मिल गया है।
64 हजार 500 वर्ग मीटर में फैला नया संसद
नए संसद भवन को तिकोने आकार में बनाया गया है और इसमें चार मंजिल हैं। 64 हजार 500 वर्ग मीटर में बना नए संसद में 3 दरवाजे हैं, इन्हें ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार नाम दिया गया है।
862 करोड़ रुपये में बनकर हुआ तैयार
लोकतंत्र का प्रतीक नया संसद भवन 862 करोड़ रुपये की लागत में बनकर तैयार हुआ है। नए संसद भवन में संविधान हॉल है। इसका अपना खासा महत्व है। इस हॉल में संविधान की कॉपी रखी जाएगी। वहीं, हॉल में साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, देश के प्रधानमंत्रियों की बड़ी तस्वीरें भी लगाई गई हैं। नए संसद भवन में बनाए गए संविधान हॉल के एक तरफ लोकसभा और उसका सेरेमोनियल एंट्रेंस है। हॉल के दूसरी ओर राज्यसभा और उसका सेरेमोनियल एंट्रेंस है।
दोनों सदनों की हो सकती है संयुक्त बैठक
पुराने संसद भवन में जहां केवल 1272 सीटें ही थी। वहीं, नया संसद भवन अधिक आलीशान है। नए संसद भवन में सीटों की कैपिसिटी को बढ़ाया गया है। नए संसद भवन में लोकसभा की 888 सीटें हैं, जबकि राज्यसभा की 300 सीटें हैं। इसमें इतनी जगह है कि यदि दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जाती है तो सभी सदस्य आ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के दौरान लोकसभा में ही 1272 से ज्यादा सांसद एक-साथ बैठ सकेंगे।
लोकसभी चेंबर और राज्य सभा है खास थीम पर आधारित
नए संसद भवन में लोकसभा चैंबर 3015 वर्ग मीटर के क्षेत्र में तैयार किया गया है। वहीं, यह एक खास थीम पर आधारित है। यह राष्ट्रीय पक्षी मयूर थीम पर बनाया गया है। नए संसद भवन की ब्लिडिंग प्लेटिनम रेटेड ग्रीन बिल्डिंग है। राज्य सभा कुल 3,220 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा। इसमें 245 की जगह 384 सीट होगी। यह राष्ट्रीय फूल लोटस थीम पर बनाया गया है।
क्यों है संसद का त्रिकोण आकार?
पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। इस बिल्डिंग को आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने डिजाइन किया था और तय समय सीमा के भीतर यह बनकर तैयार हो गया है। बिमल पटेल ने नए संसद भवन का आकार त्रिकोणीय रूप में दिया है। नए संसद भवन को त्रिकोण आकार यूंही नहीं दिया गया है इसके पीछे भी एक वजह है। नए संसद भवन को यह आकार इसलिए दिया गया है क्योंकि हर एक धर्म में त्रिकोण ज्यामिति का बहुत महत्व है।
नए संसद में हैं हाईटेक सुविधाएं
नया संसद भवन पूरी हाईटेक सुविधाओं से लैस है। संसद के हर अहम कामकाज के लिए अलग-अलग ऑफिस तैयार किए गए हैं। नए संसद भवन में कुल 120 ऑफिस हैं। इनमें कमिटी रूम, मिनिस्ट्री आफ पार्लियामेंट्री अफेयर्स के ऑफिस, लोक सभा सेक्रेट्रिएट, राज्य सभा सेक्रेट्रिएट के लिए ऑफिस, पीएम ऑफिस आदि शामिल किए गए है। ऑफिसर्स और कर्मचारियों के लिए भी हाईटेक ऑफिस की सुविधा मुहैया कराई गई है। नए संसद में कैफे और डाइनिंग एरिया भी हाईटेक है। कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक इक्विपमेंट लगाए गए हैं। इसमें कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और VIP लाउंज की भी व्यवस्था है।
नए संसद में है मूर्तियां और आर्ट वर्क
नए संसद में भारत के आधुनिक बनने तक के सफर की झलक देखने को मिलेगी। इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों मंगाई गई मूर्तियां और आर्ट वर्क बनाए गए हैं। देश में पूजे जाने वाले जानवरों की झलकियां भी इसमें दिखाई देगी, जिनमें गरुड़, गज, अश्व और मगर शामिल हैं। नए संसद भवन में खास लकड़ियों का भी इस्तेमाल किया गया है। इसे विभिन्न राज्यों से मंगाया गया है। सागौन की लकड़ी नागपुर से राजस्थान के सरमथुरा का सैंडस्टोन (लाल और सफेद) लिया गया है। यूपी के मिर्जापुर के कालीन मंगाई गई है। अगरतला से बांस की लकड़ियों को फर्श पर इस्तेमाल किया गया है।
नए संसद में है सेंगोल का खास महत्व
तमिलनाडु के सदियों पुराने मठ के आधीनम महंतों की मौजूदगी में 'सेंगोल' की नए संसद भवन के लोकसभा में स्थापना की गई। बता दें कि नए संसद भवन में सेंगोल को स्पीकर के आसन के पास लगाया गया है। 'सेंगोल' राजदंड सिर्फ सत्ता का प्रतीक नहीं, बल्कि राजा के सामने हमेशा न्यायशील बने रहने और जनता के प्रति समर्पित रहने का भी प्रतीक रहा है।