VIDEO: आखिर राज्यसभा के सभापति ने ऐसा क्या कहा कि ठहाकों से गूंज उठा सदन, PM मोदी भी नहीं रोक पाए हंसी
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम चाहते हैं कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बिठाई जाए और इस (अडाणी मामले) की जांच हो.' इसके जवाब में राज्यसभा में सांसद पीयूष गोयल ने कहा, 'जेपीसी तब बैठती है जब आरोप सिद्ध हो जाए. जब सरकार पर आरोप लगता है तब संयुक्त संसदीय समिति बिठाई जाती है किसी निजी व्यक्ति के मुद्दे पर नहीं.'
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को अडाणी मामले को लेकर काफी हंगामा देखने को मिला. विपक्ष अडाणी मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की मांग पर अड़ा रहा, तो केंद्र ने भी कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों पर हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इस बीच, राज्यसभा में एक वक्त ऐसा भी आया जब पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी हंसी रोके बिना नहीं रह सके.
दरअसल, अडाणी मुद्दे पर जेपीसी की मांग कर रहे विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में अपनी बात रख रहे थे. इसी दौरान उन्होंने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से कहा, ‘आप तो संविधान बहुत पढ़े हैं क्योंकि बहुत ही जानेमाने एडवोकेट हैं, जब आप वकालत करते थे शुरू-शुरू में… आपने कहा था कि हाथ से पैसे गिनते थे… जब इनकी वकालत बढ़ती गई, तो फिर ये मशीन से पैसे गिनने लगे…’ इसके जवाब में सभापति ने कहा, ‘ऐसा मैंने नहीं कहा, लगता है आप मेरे ऊपर जेपीसी बिठा दोगे.’ फिर क्या था… इतना सुनते ही पूरा सदन हंसने लगा. इस दौरान वहां मौजूद पीएम मोदी भी हंसते हुए नजर आए.
राज्सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने अडाणी मसले पर बोलते हुए कहा, ‘एक व्यक्ति जिसकी संपत्ति ढ़ाई साल में 13 गुना बढ़ गई. 2014 में 50,000 करोड़ की थी, वह 2019 में एक लाख करोड़ की हो गई. अचानक ऐसा क्या जादू हुआ कि दो साल में 12 लाख करोड़ बढ़ गई. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट तो है ही जिसे भाजपा नहीं मानती है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम चाहते हैं कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बिठाई जाए और इस (अडाणी मामले) की जांच हो.’ इसके जवाब में राज्यसभा में सांसद पीयूष गोयल ने कहा, ‘जेपीसी तब बैठती है जब आरोप सिद्ध हो जाए. जब सरकार पर आरोप लगता है तब संयुक्त संसदीय समिति बिठाई जाती है किसी निजी व्यक्ति के मुद्दे पर नहीं.’
पीयूष गोयल ने आगे कहा, ‘वे विदेश रिपोर्टों (हिंडनबर्ग रिपोर्ट) पर बातें कर रहे हैं, यह तो कांग्रेस का तारीका है. मैं स्पष्ट कहता हूं कि इनके खुद के नेता जिनके कहने के बगैर ये कुछ नहीं करते हैं उनकी संपत्ति ही देखें कि 2014 में इनके नेता की कितनी संपत्ति थी और आज कितनी है.’