असम में दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, ABT से जुड़े हैं तार; मदरसों को लेकर सीएम ने पहले ही था चेताया
असम पुलिस ने मोरीगांव जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों की पहचान मुसादिक हुसैन और इकरामुल इस्लाम के रूप में हुई है।
असम से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मोरीगांव जिले में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से जुड़े दो संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों की पहचान मुसादिक हुसैन और इकरामुल इस्लाम के रूप में हुई है। इकरामुल एक इमाम है और उसे नागांव जिले से गिरफ्तार किया गया था। उधर, राज्य पुलिस ने हुसैन को मोरीगांव जिले के मोइराबारी इलाके से गिरफ्तार किया।
मोरीगांव जिले की पुलिस अधीक्षक अपर्णा एन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि गिरफ्तार दोनों आतंकियों के प्रतिबंधित संगठन एबीटी से संबंध हैं।
पिछले महीने मोरीगांव जिला प्रशासन ने मोइराबारी में एक मदरसे को गिरा दिया था। जब पुलिस ने धार्मिक शिक्षण संस्थान के परिसर में एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था।
आतंकी संगठनों से जुड़े होने के आरोप में इमाम और मदरसा शिक्षकों सहित लगभग 40 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब तक राज्य प्रशासन ने राज्यभर में तीन मदरसों को ध्वस्त कर दिया है।
इसके अलावा, इस तरह के एक और शैक्षणिक संस्थान को स्थानीय लोगों द्वारा खुद ही गिरा दिया गया था, जब इससे जुड़े एक मौलवी को कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए गिरफ्तार किया गया था।
पिछले दिनों ऐसी खबरें थीं कि कुछ आतंकवादी धार्मिक शिक्षकों के वेश में राज्य में घुस आए थे और चुपचाप अपनी विध्वंसक और राज्य विरोधी गतिविधियों में आगे बढ़ गए थे।
मदरसा प्रबंधन संस्था नहीं, बल्कि एक आतंकवादी केंद्र चला रहे: सीएम
वहीं, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि कुछ मदरसा प्रबंधन संस्था नहीं बल्कि एक आतंकवादी केंद्र चला रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था, 'मैं (सभी मदरसों) का सामान्यीकरण नहीं करना चाहता, लेकिन जब कट्टरवाद की शिकायत आती है तो हम जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं।'
आतंकी AQIS के हैं सदस्य
हाल ही में मुख्यमंत्री सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि छह बांग्लादेशी नागरिक जो अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT)/ अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप (AQIS) के सदस्य हैं। जिन्होंने 2016-17 में असम में प्रवेश किया और असम पुलिस ने उनमें से एक को गिरफ्तार किया था और पांच अभी भी फरार हैं।
बेहतर निगरानी के लिए असम के मुख्यमंत्री ने दोहराया था कि राज्य में आने वाले इस्लामी शिक्षकों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसके अलावा राज्य एक पोर्टल विकसित कर रहा है, जहां उनका विवरण दर्ज किया जाएगा।