महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर ऐसा विवाद हुआ कि महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति को जेल जाना पड़ा। नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर बयां किया अपना दर्द।
अमरावती से निर्दलीय
सांसद और अभिनेत्री नवनीत राणा इस वक्त महाराष्ट्र के हनुमान चालीसा विवाद को लेकर
चर्चा में हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री पर हनुमान
चालीसा पाठ का ऐलान किया था। उससे भड़के शिवसैनिकों ने उनके घर को घेर लिया। पुलिस
ने उन पर देशद्रोह का आरोप लगाकर गिरफ्तार कर लिया। अब अदालत ने नवनीत राणा और
उनके विधायक पति रवि राणा को 6 मई तक के लिए
न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब नवनीत राणा ने
लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखकर उद्धव सरकार और महाराष्ट्र पुलिस पर कई आरोप लगाए
हैं।
नवनीत राणा ने
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी है। इसमें नवनीत का दर्द छलका है। नवनीत
राणा ने चिट्ठी में लिखा कि मुझे 23 तारीख को पुलिस
स्टेशन ले जाया गया। 23 अप्रैल को मुझे
पूरी रात पुलिस स्टेशन में ही गुजारनी पड़ी। रात को मैंने कई बार पीने के लिए पानी
मांगा, लेकिन रातभर मुझे पानी
नहीं दिया गया। नवनीत ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मौके पर मौजूद पुलिस
स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति की हूं, इसलिए वह मुझे उसी ग्लास में पानी नहीं दे सकते, जिसमें वे लोग पीते हैं। मतलब मुझे मेरी जाति
की वजह से पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। मैं यह जोर देकर कहना चाहती हूं कि
मेरी जाति की वजह से मुझे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया।
नवनीत आगे लिखतीं
हैं कि मुझे रात को बाथरूम जाना था, लेकिन पुलिस
स्टाफ ने मेरी इस मांग पर भी कोई ध्यान नहीं दिया। फिर मुझे गाली दी गई। कहा गया
कि नीची जात वालों को वे (पुलिस स्टाफ) अपना बाथरूम इस्तेमाल नहीं करने देते हैं।
नवनीत ने लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी में कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल
रही शिवसेना सरकार अपने हिंदुत्व के सिद्धांतों से पूरी तरह से भटक चुकी है। ये
लोग जनता के उस भरोसे को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिसके आधार पर ये सत्ता में
आए। नवनीत ने चिट्ठी में कहा कि मैंने शिवसेना में हिंदुत्व की लौ फिर से जगाने को
कोशिश की थी। इसी वजह से सीएम उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा
के पाठ का ऐलान किया था। यह किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए या फिर तनाव
भड़काने के लिए नहीं किया था। मैंने सीएम उद्धव ठाकरे को हनुमान चालीसा के पाठ में
शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। मेरा कदम सीएम के खिलाफ नहीं था। लेकिन मुझ
पर आरोप लगाया गया कि मेरे इस कदम से मुंबई में कानून और व्यवस्था को खतरा हो सकता
है। इसके बाद मैंने ये भी कहा कि मैं सीएम आवास नहीं जाऊंगी।
पुलिस ने सांसद
नवनीत और रवि राणा पर धारा 153 ए यानी धर्म के
आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी
को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस ने राणा दंपति पर
धारा 353 के तहत एक और केस दर्ज
किया गया था। फिर रविवार बांद्रा कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने पुलिस रिमांड की मांग
की थी, जिसे खारिज कर दिया गया।
इसके बाद राणा दंपति पर राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है।
महाराष्ट्र के
गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि नवनीत राणा को हनुमान चलीसा पढ़ने के लिए
गिरफ्तार नहीं किया है। उनके बयान के कारण जो कानून व्यवस्था को दिक्कत की स्थिति
पैदा हुई, उसकी वजह से अरेस्ट किया
गया है। मंत्री ने कहा, 'नवनीत राणा
जानबूझकर अशांति पैदा कर रही थीं। उनके हनुमान चलीसा पढ़ने को लेकर कोई विरोध नहीं
था। लेकिन वो दूसरे के घर जाकर क्यों ऐसा करना चाहती थीं? खुद के घर करें। उन्होंने कानून व्यवस्था में दिक्कत पैदा
की, इसलिए उन्हें गिरफ्तार
किया गया।
राणा दम्पति ने
शुक्रवार को उद्धव ठाकरे के घर 'मातोश्री'
के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था।
राणा दम्पति के इस ऐलान के बाद शनिवार को सुबह से ही उनके घर के बाहर भारी संख्या
में शिवसैनिक जुट गए थे। उन्होंने दिनभर राणे दंपत्ति के घर के बाहर हंगामा किया।
शिवसैनिकों ने राणे दम्पति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
पुलिस में दर्ज करवाई गई शिकायत में शिवसैनिकों ने कहा था कि उनके लिए मातोश्री
मंदिर की तरह है। शिवसैनिकों ने कहा कि राणा दंपति ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई
है।
महाराष्ट्र के
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सांसद
नवनीत राणा के साथ पुलिस स्टेशन में दुर्व्यवहार किया गया। उन्हें नीची जाति का
बताया गया। इसके साथ ही उन्हें पीने के लिए पानी तक नहीं दिया गया। न ही वॉशरूम
जाने दिया गया। इससे पहले हमने कभी नहीं देखा कि बदले की भावना से इस तरह की
कार्रवाई की गई हो। महाराष्ट्र में अहंकारी लोग सत्ता में हैं। ये लोग लोकतंत्र को
कुचलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे लोगों को चेतावनी देता हूं कि
हम डरते नहीं हैं। हम संघर्ष करेंगे।
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