Breaking News

Friday, September 27, 2024
Home / देश / विदेश /

  • 0
  • 358

बॉडी स्प्रे डियो के दो विज्ञापनों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लगाई रोक, लगातार महिलाओं के प्रति गंदी सोच का हो रहा प्रचार

विज्ञापनों में महिलाओं को प्रोडक्ट के रूप में दिखाने पर पहले भी विवाद होते रहे हैं। हालिया मामले में एक बॉडी स्प्रे डियो के दो विज्ञापनों पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रोक लगा दी।

बॉडी स्प्रे डियो के दो विज्ञापनों पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने लगाई रोक, लगातार महिलाओं के प्रति गंदी सोच का हो रहा प्रचार

सोशल मीडिया पर प्रियंका चोपड़ा, रिचा चड्ढा, फरहान अख्तर जैसे सिलेब्स और नारीवादी ताकतों के घोर विरोध के बाद बॉडी स्प्रे डियो के उन दो विज्ञापनों पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने रोक लगा दी जिनमें साफ नजर आ रहा था कि ये रेप कल्चर को बढ़ावा दे रहे हैं। इन विज्ञापनों में औरत और लड़कियों के प्रति गंदी और गिरी हुई मानसिकता साफ नजर आ रही थी। मगर इन्हीं के साथ एक बार फिर इस बहस ने जोर पकड़ लिया कि क्यों बाजार में अपना सामान बेचने के लिए हर बार औरत के जिस्म का इस्तेमाल होता है। क्यों औरत को हर ऐड में एक सामान जैसा समझा जाता है?

डबल मीनिंग विज्ञापनों में महिला एक प्रोडक्ट
टीवी पर बाइक का एक विज्ञापन आता था जिसमें एक स्त्री बाइक पर लेटी नजर आती है और फिर बाइक के रूप में बदल जाती है, उसी दौरान उस पर एक पुरुष सवार होता दिखाया जाता है। इस पूरे विज्ञापन को देखने के बाद साफ हो जाता है कि बाइक की तुलना स्त्री से की गई है। कंपनी इस विज्ञापन के माध्यम से बताना चाहती है कि बाइक कितनी आरामदायक और संतुष्टि देने वाली है। एक टूथपेस्ट के प्रोडक्ट में तो सास अपनी बहू से पूछती हैं कि बहू तुम रोज रात को करते हो न? तो बहू जवाब देती है, करते हैं, मगर दर्द होता है। तब सास उस प्रॉडक्ट को इस्तेमाल करने की सलाह देते हुए कहती हैं, इसे इस्तेमाल करो, इससे उन्हें भी पूरी रात प्रॉटेक्शन, रिलेक्सिंग और रिफ्रेशिंग फील होगा, क्योंकि वे तो वही इस्तेमाल करती हैं। सबकुछ हाइजेनिक रखते हो, ओरल भी रखो, इस ऐड को देखते हुए प्रतीत होता है कि हो न हो ये सेक्स बेस्ड प्रोडक्ट होगा, मगर विज्ञापन के अंत में वो टूथपेस्ट निकलता है।


'विज्ञापनों में सिर्फ पुरुषवादी सोच नजर आती है'
मुंबई की सर्कस एलीफैंट ऐड कंपनी में कॉन्टेंट राइटिंग का काम करने वाली मिशु कहती हैं, 'सॉरी बॉस, डियो मारकर या अंडरवियर दिखा कर लड़कियां नहीं पटतीं। इन तमाम एड्स में सिर्फ पुरुषवादी सोच नजर आती है। आप ही देखिए, अगर मर्दों का प्रॉडक्ट हैं, तब भी केंद्र में कोई सेक्सी लेडी होगी और अगर औरतों का प्रॉडक्ट है, तब भी वह अपने किसी मसाले, साबुन या ब्यूटी प्रॉडक्ट से मर्द को खुश करती ही नजर आती है। वरना पुरुषों की दाढ़ी बनाने वाले रेजर के सॉफ्ट होने की तुलना औरत के बदन से क्यों होनी चाहिए? असल में यह औरत को उपभोग, आनंद, संतुष्टि देने वाली सोच ही इन सब विज्ञापनों की जड़ है। कहीं न कहीं औरत ने भी खुद को उस सोच में ढाल लिया है।' 1000 से भी ज्यादा सफल विज्ञापन फिल्में बना चुके जाने-माने एड मेकर और फिल्मकार प्रदीप सरकार कहते हैं, 'जिन लोगों के पास क्रिएटिविटी की कमी होती है, वही लोग इस तरह के सस्ते हथकंडे अपनाते हैं।

अंडरवियर से लेकर ट्रक के टायर और इंजन ऑइल तक सबमें औरतें
एक अन्य विज्ञापन में तो सीधे-सीधे कहा गया है कि लैला (लड़की) को करना हो इम्प्रेस, तो खाओ मिंटो फ्रेश! और उस विज्ञापन में मेल मॉडल के वो गोली खाते ही बैकलेस चोली पहने सेक्सी-सी लैला इम्प्रेस हो जाती है। एक अन्य विज्ञापन में एक नई-नवेली दुलहन पड़ोसी की बॉडी स्प्रे की खुशबू से मदमस्त होकर अपने गहने और कपड़े उतारने पर आमादा हो जाती है, तो एक ऐड में लड़की लिफ्ट में सवार अजनबी के बॉडी स्प्रे से आकर्षित होकर उससे चिपक जाती है। पुरुषों के सूट वाले विज्ञापन में फोकस औरत के नितंबो पर होता है, तो कार के साथ बोनट पर सेक्सी सुंदरियां नजर आती हैं। बाजारवाद के बढ़ते दौर में हर दूसरे-तीसरे विज्ञापन में औरत दिखाई देने लगी, वो औरत जो खास तरह की बॉडी इमेज रखती है। हद तो ये है कि मर्दों के अंडरवियर से लेकर ट्रक के टायर और इंजन ऑइल तक सबमें औरतों को वस्तु की तरह पेश किया जाता रहा है। ऐसे विज्ञापन सिखाते हैं कि आपके पास फलां ब्रांड का परफ्यूम या कोई ब्रांडेड अंडरवियर होगी, तो लड़की पट जाएगी।

लड़की दिखाकर आप कितने ऐड बेच पाएंगे
आप देखेंगे कि हमारी इंडस्ट्री में पियूष पांडे और प्रसून जोशी सरीखे क्रिएटिव लोगों ने कई यादगार और सार्थक ऐड बनाए। कई बार कमजोर प्रॉडक्ट को बेचने के लिए भी औरत की देह का सुनियोजित ढंग से इस्तेमाल किया जाता है, तो कई दफा तुरत-फुरत ध्यान आकर्षित करने के लिए इस तरह की सनसनी फैलाई जाती है। आप जिस प्रतिबंधित परफ्यूम के विज्ञापन की बात कर रही हैं, वो बेहद ही शर्मनाक है, मगर आज उसका नाम हर कोई जान गया है।' इस मुद्दे पर मशहूर ऐड गुरु पीयूष पांडे का कहना है, 'विज्ञापनों के मामले में मेरी सिंपल-सी फिलॉसफी है, जो ऐड आप खुद के परिवार के साथ नहीं देख सकते, उसे आप दूसरों को कैसे दिखा सकते हैं। आपको इस तरह के विज्ञापन बनाने से पहले सोचना होगा कि आप ये आम पब्लिक के लिए बना रहे हैं। लड़की दिखाकर आप कितने ऐड बेच पाएंगे। मैंने कोशिश की है कि हर घर कुछ कहता है, जोर लगा के हईसा, कुछ मीठा हो जाए जैसे विज्ञापनों के जरिए अपनी बात कह सकूं। मुझे लगता है, जब भी इस तरह के विज्ञापन आएं, उनका कड़ा विरोध करना चाहिए, जब इन लोगों को जूते पड़ेंगे, तब इनकी अक्ल ठिकाने आएगी।'

देश ही नहीं, विदेशों में भी होता रहा है विरोध
हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इस तरह के विज्ञापनों को लेकर विवाद हुए हैं। अभी कुछ अरसा पहले जर्मनी की जानी-मानी जूतों की कंपनी के विज्ञापन को अश्लील करार दे दिया गया और काफी हंगामे के बाद यूनाइटेड किंगडम के लोगों के विरोध को देखते हुए उसे बैन करना पड़ा था। इस कंपनी ने स्पोर्ट्स ब्रा का विज्ञापन बनाया था। यह विज्ञापन जब सार्वजनिक हुआ तो इसे देखकर लोग हैरान रह गए। कंपनी ने इस विज्ञापन में 24 महिलाओं के ऊपरी हिस्से को न्यूड (नग्न स्तन) दिखाया था। इसे देखकर कई लोग और सामाजिक संस्थाएं भड़क गईं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त जीन किलबॉर्न उन हस्तियों में से हैं, जो सन 60 के दशक से विज्ञापनों में महिलाओं की इमेज को लेकर लगातार जागरूकता फैलाने का काम करती आ रही हैं। उन्होंने दशकों पहले ही विज्ञापनों में दिखाई जाने वाली महिलाओं और महिलाओं के खिलाफ हिंसा, उन्हें ऑब्जेक्टिवफाय करने के संबंधों को जोड़ना शुरू कर दिया था। वे दुनिया भर में मशहूर एडवर्टाइजिंग्स इमेज ऑफ वुमन-किलिंग अस सॉफ्टली फिल्म सीरीज की निर्माता हैं। किलिंग अस सॉफ्टली की सीरीज में उन्होंने दर्शाया है कि विज्ञापन जगत में कैसे लगातार औरत को उपभोग, ग्लैमराइज, रिग्रेसिव, विकृत धारणा के अन्तर्गत पेश किया गया है। उन्होंने अनगिनत प्रिंट ऐड्स के जरिए महिलाओं को कमतर और नीचा दिखाने वाली सोच को दर्शाया है। उनकी सीरीज में आज से तकरीबन 30 साल पहले उस विज्ञापन का भी उल्लेख है, जब एक सिगरेट कंपनी ने सिगरेट के साथ-साथ औरत के जिस्म को बेचने की पहल की थी। उस विज्ञापन में मॉडल ब्रालेस टॉप के भीतर से बड़े ही कामुक अंदाज में सिगरेट निकालती है।

जाने-माने सिलेब्स भी रहे इसका हिस्सा
सेक्सिएस्ट विज्ञापनों के लिए हमारी इंडस्ट्री के जाने-माने सिलेब्स भी सवालों के घेरे में आए हैं। 90 के दशक में सनसनी फैलाने वाली पूजा बेदी के कामसूत्र विज्ञापन को दूरदर्शन ने बैन कर दिया था, तो वहीं मिलिंद सोमन और मधु सप्रे के एक शूज के ऐड में दोनों के अजगर लिपटे न्यूड पोज ने उन्हें अदालत तक पहुंचा दिया था। सालों पहले बिपाशा बसु और डीनो मोरिया के इनरवियर के ऐड पर हंगामा मचने के बाद इसे बैन कर दिया गया था। सना खान के 'ये तो बड़ा टॉइंग' जैसे अंडर वियर के विज्ञापन को भी विरोध के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था। 2016 में आए रणवीर सिंह के एक ऐड में रणवीर एक मिनी स्कर्ट पहनी हुई लड़की को पकड़े हुए दिखाई दे रहे थे जिसे टैग लाइन दी गई थी अपने काम को घर ले जाओ। सोशल मीडिया पर इसकी काफी आलोचना हुई थी। रणवीर को इस विज्ञापन के लिए माफी तक मांगनी पड़ी थी। कुछ अरसा पहले विकी कौशल और रश्मिका मंदाना को एक अंडर वियर के एड के लिए काफी ट्रोल होना पड़ा था।

Trending news

लखनऊ: अकबरनगर के लोग बोले- 70 साल यहीं रहे, बिजली बिल और हाउस टैक्स भरे; एक झटके में उजाड़ दिया आशियाना

लखनऊ में जम्मू-कश्मीर की आतंकी घटना को लेकर प्रदर्शन: बजरंग दल और वीएचपी ने पाकिस्तान का फूंका पुतला, राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा

बाराबंकी: पड़ोसी सोशल मीडिया पर डालता है महिलाओं की फोटो, शिकायत करना पीड़ित को पड़ा भारी, पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को पीटा

बाराबंकी में पुलिस और बदमाश में मुठभेड़: बदमाश हुआ घायल, तमंचा और कारतूस बरामद

UP: आईएएस धनंजय शुक्ला अपर आयुक्त राज्यकर बनाए गए, दो अफसरों को नई जिम्मेदारी

Most View

Our Latest Blog

लखनऊ : LDA ने  4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई
लखनऊ : LDA ने 4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई

अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी ज...

ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम
ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम

राजधानी लखनऊ के कुछ व्यस्ततम चौराहों पर आज भी ट्रैफिक की समस्या जस की तस। उमस भरी इस गर्मी में घंटों जाम से जूझते हैं लोग। इस समस्या से निजात पाने की ...

लखनऊ:  बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख  का सामान , वारदात CCTV में   कैद
लखनऊ: बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख का सामान , वारदात CCTV में कैद

लखनऊ के सूर्या सिटी में देर रात 2 चोरों ने एक घर से लाखों की ज्वेलरी और नगदी चोरी की है। पीड़ित ने इंदिरा नगर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। घटन...