कौन है गैंगस्टर जफर जिसे पकड़ने पुलिस यूपी से उत्तराखंड पहुंच गई, जानें क्यों हुआ बवाल
इनामी जफर अली को पकड़ने के लिए उत्तराखंड के उधमसिंह नगर पहुंची मुरादाबाद पुलिस और गांव वालों में फायरिंग हो गई। दोनों ओर से हुई फायरिंग में बीजेपी के ब्लाक प्रमुख की पत्नी की मौत हो गई है। मुरादाबाद पुलिस के 5 जवान भी घायल हो गए हैं।
उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद पुलिस 50 हजार रुपये के इनामी का पीछा करते हुए उत्तराखंड के एक गांव में पहुंच गई। यहां फायरिंग होने से एक महिला की मौत हो गई। वहीं, 2 पुलिसकर्मी भी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना में मुरादाबाद पुलिस के कुल पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। जिस महिला की मौत हुई है, वह बीजेपी से ब्लाक प्रमुख गुरताज भुल्लर की पत्नी गुरप्रीत कौर हैं। उनकी मौत से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क को जाम कर हंगामा करना शुरू कर दिया। आखिर कौन सा इतना बड़ा इनामी था, जिसका पीछा करते हुए पुलिस यूपी से उत्तराखंड पहुंच गई, आइए जानते हैं। इस बीच, उधमसिंह नगर ज़िले के भरतपुर गांव में घटना स्थल पर फोरेंसिक टीम के अधिकारी जांच करने के लिए पहुंच गए हैं।
कौन था 50 हजार का इनामी
दरअसल, जिस 50 हजार रुपये के इनामी का पीछा करते हुए पुलिस यूपी से उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के भरतपुर गांव पहुंच गई थी, उसका नाम जफर अली है। मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी जफर अली पर 50 हजार का इनाम घोषित था। जफर अली गैंगस्टर होने के साथ ही काफी दिनों से एक मामले में वांछित चल रहा था। जफर व उसके साथियों पर मुरादाबाद के जिला खनन अधिकारी और एसडीएम के साथ गाली-गलौज और मारपीट करने के साथ ही चेकिंग के दौरान जब्त किए गए ओवरलोड डंफरों को जबरदस्ती छुड़ा ले जाने का आरोप था।
सीएम योगी ने लिया था घटना का संज्ञान
मिली जानकारी के मुताबिक, ठाकुरद्वारा में 13 सितंबर को उत्तराखंड से आ रहे रेता बजरी से भरे बिना रॉयल्टी जमा किए ओवरलोड डंपरों को खनन अधिकारी अशोक कुमार ने पकड़ लिया था। तब सूचना मिलने पर एसडीएम ठाकुरद्वारा परमानंद भी मौके पर पहुंच गए थे। इस घटना के बाद 14 सितंबर को जिला खनन अधिकारी अशोक कुमार द्वारा ठाकुरद्वारा थाने में तहरीर दी गई थी। इस घटना का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया था।
फरार चल रहा था जफर
वहीं, पुलिस ने इस मामले के नामजद आरोपियों के खिलाफ 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। जानकारी के मुताबिक, अब तक करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जिसमें कई इनामी भी शामिल हैं। वहीं, इस घटना में नामजद जफर अली फरार चल रहा था, जिसकी तलाश में पुलिस घटना के बाद से जुटी हुई थी। डीआईजी शलभ माथुर के मुताबिक, खनन अधिकारी व एसडीएम पर हमले की घटना में गैंगस्टर जफर मौके पर मौजूद थे।
कैसे हुई घटना डीआईजी ने बताया
बुधवार को हुई इस घटना के बारे में डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि स्थानीय पुलिस को सूचना मिली थी, जब इसका पीछा किया गया तो ये (जफर अली) यूपी से उत्तराखंड बॉर्डर में घुस गया। डीआईजी के मुताबिक, वहां पर उसने एक घर में शरण ली। जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो पुलिस टीम को बंधक बनाया गया। बुरी तरह मारपीट की गई और जब पुलिसकर्मियों ने वहां से भागने का प्रयास किया तो फायरिंग भी की गई। साथ ही डीआईजी ने ये भी बताया कि जफर ने जहां शरण ले रखी थी, उनसे पुलिस ने रिक्वेस्ट की थी कि ये (जफर) एक आरोपी है, उसे हमें दे दिया जाए, लेकिन उनके द्वारा नहीं दिया गया, बल्कि उनके द्वारा पुलिस टीम को ही बंधक बना लिया गया।
कई पुलिसकर्मी और हथियार गायब
डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि इस घटना में 5 पुलिसकर्मी घायल है, जिसमें 2 पुलिसकर्मियों के गोली लगी है। इस घटना में इंस्पेक्टर ठाकुरद्वारा भी घायल हो गए हैं। डीआईजी ने बताया कि जफर के बारे में ठाकुरद्वारा से सूचना मिली थी, लेकिन यहां पर भी इन लोगों ने पुलिस पार्टी पर हमला किया था। साथ ही उन्होंने बताया कि हमारे कुछ पुलिसकर्मी अभी भी मिसिंग है और तीन वेपन भी गायब बताये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसको लेकर हम लगातार उत्तराखंड पुलिस के संपर्क में हैं कि हमारे मिसिंग पुलिसकर्मियों को जल्द रिकवर किया जाए। वहीं, जानकारी के मुताबिक, एसओजी के इंस्पेक्टर और एक सिपाही समेत दो पुलिसकर्मियों का लापता होना बताया जा रहा है।