Breaking News

Monday, September 23, 2024
Home / देश / विदेश /

  • 0
  • 106

तेल बेचने में भारत ने सऊदी को पीछे छोड़ा: यूरोप को रोजाना 5 करोड़ लीटर ऑयल बेचा

रूस-यूक्रेन जंग के बाद दुनिया में भारत का किरदार बदल गया है। 2022 में चीन के बाद भारत ऑयल खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर था। अब एक साल बाद यूरोप को ऑयल बेचने के मामले में भारत ने सऊदी अरब को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत रोजाना साढ़े 3 लाख बैरल से ज्यादा यानी करीब 5.5 करोड़ लीटर ऑयल यूरोप को एक्सपोर्ट कर रहा है।

तेल बेचने में भारत ने सऊदी को पीछे छोड़ा: यूरोप को रोजाना 5 करोड़ लीटर ऑयल बेचा

रूस-यूक्रेन जंग के बाद दुनिया में भारत का किरदार बदल गया है। 2022 में चीन के बाद भारत ऑयल खरीदने के मामले में दूसरे नंबर पर था। अब एक साल बाद यूरोप को ऑयल बेचने के मामले में भारत ने सऊदी अरब को भी पीछे छोड़ दिया है। भारत रोजाना साढ़े 3 लाख बैरल से ज्यादा यानी करीब 5.5 करोड़ लीटर ऑयल यूरोप को एक्सपोर्ट कर रहा है।

फरवरी 2022 से शुरू हुई यह कहानी 
भारत अपनी जरूरत का 60% क्रूड ऑयल अरब देशों से खरीदता था 24 फरवरी 2022 को रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई। इसके चलते मार्च 2022 में क्रूड ऑयल की कीमत बढ़कर प्रति बैरल 140 डॉलर पहुंच गई। तब इंटरनेशनल मार्केट में ऑयल की कीमत कम करने के लिए अमेरिका ने अपना क्रूड खजाना खोलने का ऐलान कर दिया। उस वक्त भारत अपनी जरूरत का 60% क्रूड ऑयल खाड़ी देशों से खरीदता था और सिर्फ 2% कच्चा तेल रूस से आता था।

अमेरिका और यूरोप ने रूस से तेल खरीदने पर पाबंदियां लगाईं
मार्च 2022 में अमेरिका और यूरोप ने रूस से ऑयल खरीदने पर पाबंदी लगा दी। लेकिन भारत ने इन प्रतिबंधों पर ध्यान नहीं दिया। अप्रैल 2022 से रूस ने भारत को इंटरनेशनल मार्केट से भी कम कीमत पर ऑयल बेचना शुरू किया।
2021-22 के पूरे साल में भारत ने रूस से 18 हजार करोड़ रुपए का क्रूड ऑयल खरीदा था, जबकि 2022-23 के शुरुआती 6 महीनों में ही भारत ने रूस से 89 हजार करोड़ रुपए का क्रूड ऑयल खरीद लिया।
भारत रूस से ऑयल नहीं खरीद पाए, इसके लिए अमेरिका और यूरोपीय देशों ने दबाव भी बनाया। दुनिया के ताकतवर देशों की संस्था G-7 ने रूस से ऑयल खरीदने पर प्राइस कैप लगा दिया। इसके बावजूद भारत ऑयल खरीदता रहा।

भारत ने रूस से क्रूड ऑयल लेकर रिफाइंड किया, फिर यूरोप को बेचा
रूस पर लगाई गई पाबंदियों की वजह से यूरोपीय देशों ने उससे ऑयल खरीदना बंद कर दिया। इसकी वजह से यूरोप में ऑयल की किल्लत हो गई। इसके चलते पश्चिमी देशों ने अपनी जरूरत पूरा करने के लिए दूसरे देशों की ओर रुख किया। भारत ने बखूबी इसका फायदा उठाया। ‘द सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ के मुताबिक, अप्रैल 2022 के बाद यूरोपीय देशों ने चीन और भारत से ऑयल की खरीद में बेतहाशा इजाफा किया है। कुल मिलाकर, इस दौरान सऊदी अरब ने जितना क्रूड ऑयल यूरोप को बेचा, उससे ज्यादा रिफाइन्ड ऑयल भारत ने यूरोप भेजा है। जंग शुरू होने से पहले यूरोप भारत से रोजाना 1.54 लाख बैरल रिफाइन ऑयल खरीदता था। जंग शुरू होने के बाद ये आंकड़ा बढ़कर रोजाना 2 लाख बैरल और मई 2023 में 3.60 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया।

खुद ऑयल खरीदने वाला भारत इतना बड़ा एक्सपोर्टर कैसे बना?
भारत और चीन जैसे देश दूसरे देशों से क्रूड ऑयल खरीदकर उसे रिफाइन करते हैं। भारत में ऑयल रिफाइंड करना बेहद सस्ता है। रिलायंस, BPCL और IOCL जैसी बड़ी कंपनियां ऑयल रिफाइन करने का काम करती हैं। चीन, भारत, सिंगापुर और UAE जैसे देशों को 'लौंड्रोमैट कंट्री' कहा जाता है। 'लौंड्रोमैट' का मतलब वॉशिंग मशीन, यानी जो देश ऑयल की गंदगी को साफ करते हैं। पाबंदी लगाए जाने के बाद रूस से चीन, भारत, सिंगापुर, UAE और तुर्की के ऑयल आयात में 140% की वृद्धि हुई है।

यूरोप को ऑयल बेचकर भारत को क्या फायदा हो रहा है?
IIFL सिक्योरिटीज में कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता का मानना है कि भारत दुनिया के सबसे बड़े ऑयल रिफाइनिंग देशों में शामिल है। इस समय यूरोपीय देशों को ऑयल बेचकर भारत 3 तरह से फायदा उठा रहा है...
  •  भारत की रिफाइनरी क्षमता इसकी घरेलू मांग से ज्यादा है। ऐसे में यूरोप को ऑयल बेचकर भारतीय रिफाइनरी कंपनियां बढ़िया मुनाफा कमा रही हैं।
  • भारत के पास एक महीने से ज्यादा ऑयल को रिजर्व करने की क्षमता नहीं है। ऐसे में रूस से जो ज्यादा क्रूड ऑयल मिल रहा है, उसे भारतीय रिफाइनरियां तेजी से यूरोप को सप्लाई करने को मजबूर हैं। जिससे मुनाफा भी बढ़ रहा है।
  • कम कीमत में क्रूड ऑयल मिलने से भारतीय कंपनियों का रिफाइनिंग मार्जिन भी बढ़ा है।

कम कीमत के बावजूद रूस से तेल खरीदना भारत के लिए महंगा सौदा क्यों है?
रूस हर दिन 10.7 मिलियन बैरल से ज्यादा कच्चे ऑयल का उत्पादन करता है। फरवरी 2022 से पहले इसमें से आधी से ज्यादा मात्रा यूरोप जाती थी। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब 2022 तक यूरोप की ऑयल और गैस की आधी जरूरतें रूस पूरा करता था, तो फिर भारत अपने सबसे अहम साथी रूस से सिर्फ 2% ही ऑयल क्यों खरीदता था। एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा बताते हैं कि इसका जवाब रूस के भूगोल में छिपा है। तीन वजहों से रूस से तेल खरीदना भारत के लिए मुश्किल है…
  • रूस में जहां क्रूड ऑयल का उत्पादन होता है, वे ईस्टर्न इलाके से थोड़ा दूर हैं। वहां से तेल लाना महंगा सौदा होता है।
  • नॉर्थ वाले इलाके आर्कटिक क्षेत्र के पास हैं। ऐसे में यहां ज्यादातर समय बर्फ जमी रहती है, जिससे ऑयल भारत लाने में दिक्कत होती है।
  •  रूस से भारत तेल लाने का तीसरा रास्ता काला सागर होकर लाने का है, जो यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से बंद है।

नरेंद्र तनेजा बताते हैं कि रूस की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी रॉसनेफ की गुजरात के जामनगर में अपनी रिफाइनरी है। फरवरी 2022 से पहले भारत में रॉसनेफ कंपनी भी मात्र 2% ऑयल ही मंगाती थी। कुल मिलाकर रूस से भारत इसलिए कम ऑयल लेता है, क्योंकि बाकी जगह से इसे लाना ज्यादा आसान है। खाड़ी देशों से सिर्फ तीन दिन में भारत क्रूड ऑयल समुद्री रास्ते लाया जा सकता है। ऊपर से ट्रांसपोर्ट में किराया भी कम लगता है।

Trending news

लखनऊ: अकबरनगर के लोग बोले- 70 साल यहीं रहे, बिजली बिल और हाउस टैक्स भरे; एक झटके में उजाड़ दिया आशियाना

लखनऊ में जम्मू-कश्मीर की आतंकी घटना को लेकर प्रदर्शन: बजरंग दल और वीएचपी ने पाकिस्तान का फूंका पुतला, राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा

बाराबंकी: पड़ोसी सोशल मीडिया पर डालता है महिलाओं की फोटो, शिकायत करना पीड़ित को पड़ा भारी, पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों को पीटा

बाराबंकी में पुलिस और बदमाश में मुठभेड़: बदमाश हुआ घायल, तमंचा और कारतूस बरामद

UP: आईएएस धनंजय शुक्ला अपर आयुक्त राज्यकर बनाए गए, दो अफसरों को नई जिम्मेदारी

Most View

Our Latest Blog

लखनऊ : LDA ने  4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई
लखनऊ : LDA ने 4 से 10 लाख रुपए तक घटाए फ्लैट्स के रेट; लंदन की तर्ज पर गोमती किनारे बनेगा लखनऊ आई

अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) के दायरे में पूरा लखनऊ जिला होगा। कैंट और औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) को छोड़कर लखनऊ का कोई भी गांव हो या मजरा सभी ज...

ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम
ट्रैफिक से निजात पाने की अब तक की सारी तरकीबें फेल, प्रसाशन आज भी नहीं हटा पाया चिनहट, कामता और मटियारी का जाम

राजधानी लखनऊ के कुछ व्यस्ततम चौराहों पर आज भी ट्रैफिक की समस्या जस की तस। उमस भरी इस गर्मी में घंटों जाम से जूझते हैं लोग। इस समस्या से निजात पाने की ...

लखनऊ:  बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख  का सामान , वारदात CCTV में   कैद
लखनऊ: बंद घर में दरवाजा तोड़कर घुसे चोरो ने उड़ाए 7 लाख का सामान , वारदात CCTV में कैद

लखनऊ के सूर्या सिटी में देर रात 2 चोरों ने एक घर से लाखों की ज्वेलरी और नगदी चोरी की है। पीड़ित ने इंदिरा नगर थाने में चोरी की शिकायत दर्ज कराई है। घटन...