मोहन भागवत के बंगाल आगमन पर ममता की घबराहट आई सामने, पुलिस महकमे से कहा - "देखना, वो दंगा न भड़का दें"
मोहन भागवत बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं. लेकिन इस दौरे के पीछे एजेंडा क्या है? उनको पूरी सुरक्षा दीजिए. लेकिन आप लोग ध्यान रखिए, नज़र रखिए. ताकी वो कोई दंगा ना भड़का पाएं.
RSS प्रमुख मोहन भागवत के बंगाल दौरे से पहले ममता बनर्जी एक मीटिंग ले रही थी. ये मीटिंग सुरक्षा व्यवस्था को लेकर थी. मीटिंग में ममता ने अफसरों को आदेश दिए. और आदेश के साथ एक बात कही. उन्होंने कहा, “मोहन भागवत बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं. लेकिन इस दौरे के पीछे एजेंडा क्या है? उनको पूरी सुरक्षा दीजिए. लेकिन आप लोग ध्यान रखिए, नज़र रखिए. ताकी वो कोई दंगा ना भड़का पाएं.”
दरअसल मोहन भागवत 17 मई से 20 मई, 2022 तक बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर के केशियारी गांव के दौरे पर हैं. यहां भागवत संघ शिक्षा वर्ग में हिस्सा लेंगे. आजतक की खबर के मुताबिक इस कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवकों को शारीरिक और बौद्धिक ट्रेनिंग दी जाएगी. RSS हर साल अलग-अलग शहरों पर इस तरह के संघ शिक्षा वर्ग का आयोजन करता रहा है. इस बार पश्चिम बंगाल में होगा. और RSS प्रमुख खुद शामिल हो रहे हैं.
इस बीच ममता बनर्जी भी तीन दिन के पश्चिमी मेदिनीपुर के दौरे पर थी. वहां एक प्रशासनिक बैठक के दौरान के दौरान ममता ने भागवत के दौरे पर विस्तार से बात की. ममता ने अधिकारियों से ये भी कहा कि, “हो सके मोहन भागवत को कुछ मिठाइयां भिजवाएं. पता चलना चाहिए कि हम अपने मेहमानों का ध्यान रखते हैं. लेकिन ज्यादा तवज्जो भी मत दे देना. नहीं तो इसका गलत फायदा उठा लेंगे.”
इधर ममता का बयान बाहर आने के बाद पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेता दिलीप घोष ने प्रतिक्रिया दी है. घोष ने कहा, “मोहन भागवत हिंदू समाज के नेता हैं और हिंदुओं के मुद्दों के लिए काम करते हैं. वो समाज के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं. और ममता बनर्जी इसके ठीक उल्टा काम कर रही है. वो कानून तोड़ रही हैं. अदालतों और संविधान का पालन नहीं करती हैं. मोहन भागवत जैसे सम्मानित व्यक्ति के लिए ऐसी बात करना स्वीकार्य नहीं है.”
आपको बता दें कि मोहन भागवत के इस बंगाल दौरे के कई राजनैतिक मायने निकाले जा रहे हैं. आजतक की खबर के मुताबिक, बंगाल में हिंसा और कोरोना की वजह से RSS की कई शाखाएं बंद हो गई थीं. खबर के मुताबिक भागवत ने आदेश दिए थे कि मार्च तक सभी शाखाओं को दोबारा शुरू किया जाना चाहिए. पश्चिम बंगाल में RSS की 1800 से ज्यादा शाखाएं मौजूद होने की बात कही जाती है.