विपक्षी दलों की बैठक में हुई नोकझोंक के बाद AAP ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
विपक्षी दलों की बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच नोकझोंक हुई थी जिसके बाद आप नेता ने राहुल गांधी के मोहब्बत की दुकान वाले नारे को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान खोली है तो विपक्ष को भी प्यार देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें पिछली बातों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए और एक साथ आना चाहिए।
हाल ही में पटना में विपक्ष की बैठक में कांग्रेस के साथ तीखी नोकझोंक के बाद आम आदमी पार्टी ने राहुल गांधी को घेरा और उन पर तंज कसते हुए बड़ा दिल दिखाने की अपील की है।
आम आदमी पार्टी के नेता ने राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' का किया जिक्र
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' का जिक्र करते हुए आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्हें पसंद है जो गांधी अक्सर दोहराते हैं, 'मैं नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल कर बैठा हूं।'
उन्होंने कहा, "सर, हम मानते हैं कि वहां नफरत का बाजार है, लेकिन आपको वहां प्यार भी देना चाहिए। अगर विपक्षी दल आपके पास प्यार मांगने आए हैं और आप कहते हैं कि आपके पास यह नहीं है, तो यह आपके मोहब्बत की दुकान पर सवाल खड़ा करता है।"
पिछली टिप्पणियों को भुलाकर आगे बढ़ने की जरूरत
आप नेता भारद्वाज ने सार्वजनिक धारणा पर सबसे पुरानी पार्टी के लिए सावधानी बरतने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि अहंकारी होना ठीक है, लेकिन एक सीमा है जिसके परे लोगों और अन्य दलों को यह महसूस होने लगेगा कि सत्ता परिवर्तन के बाद नई सरकार अहंकार से भर गई है। उन्होंने विपक्षी दलों से एक-दूसरे के खिलाफ पिछली टिप्पणियों से आगे बढ़ने की भी अपील की, क्योंकि वे राज्यों में प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, लेकिन अब उन्हें एक साथ आने की जरूरत है।
सभी प्रतिद्वंदियों को साथ आने की जरूरत
आप नेता ने कहा,"कई पार्टियां अलग-अलग राज्यों में एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं। केरल में वामपंथी और कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी हैं। इन सभी विरोधाभासों के बावजूद, हमें अब एक साथ आना होगा।"
'बहुत बड़ा दिल होना चाहिए'
आप नेता भारद्वाज ने कहा कि विरोधाभास कड़वाहट पैदा करेंगे, क्योंकि पार्टियां लंबे समय से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं और राज्यों में फिर से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ सकती है। भारद्वाज ने कहा, "हालांकि, अगर आप देखेंगे कि पार्टी के प्रवक्ताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ क्या कहा, तो दोनों तरफ की सूची लंबी है। इसे पीछे छोड़ना होगा और आगे बढ़ना होगा।"
आप नेता ने कहा, "यह बहुत कठिन होगा कि हमें अपने प्रतिद्वंदियों के लिए अपनी सीटें छोड़नी पड़े, इसके लिए बहुत बड़ा दिल होना चाहिए।
पिछली बातों को भूलकर आगे बढ़े
पटना की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन को लेकर खुले दिमाग से विचार कर रही है और अतीत को भूलने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, "हम यहां खुले दिमाग के साथ हैं, बिना किसी पिछली पसंद-नापसंद के, हम सभी खुद को बदलेंगे। हमें इस लड़ाई में एक साथ रहना होगा, चाहे कुछ भी करना पड़े।"
आम आदमी पार्टी की ओर से रखा गया था शर्त
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित विपक्ष की बड़ी बैठक में आम आदमी पार्टी इस पूर्व शर्त के साथ शामिल हुई थी कि कांग्रेस केंद्र के विवादास्पद अध्यादेश के खिलाफ लड़ाई में उसका समर्थन करेगी, जिसका उद्देश्य दिल्ली सरकार की अपनी नौकरशाही पर पकड़ को कम करना है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने आप को कही थी ये बात
कांग्रेस ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि पटना बैठक उस मुद्दे के लिए उपयुक्त मंच नहीं है और वे संसद सत्र से पहले विपक्षी बैठकों में इस पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "संसद सत्र के दौरान, विपक्षी दल नियमित रूप से मिलते हैं और एक संयुक्त रणनीति बनाते हैं। आम आदमी पार्टी ने उन बैठकों में भाग लिया है। इस अध्यादेश के लिए एक अलग तंत्र क्यों होना चाहिए? यह गठबंधन के लिए भाजपा से लड़ने की पूर्व शर्त नहीं हो सकती है।"