केरल के विज्हिंजम पहुंचा नोरोवायरस, दो बच्चों में हुई पुष्टि...जानें लक्षण और बचाव के तरीके
केरल के विज्हिंजम में नोरोवायरस की पुष्टि हुई है। दरअसल स्कूल के मिड डे मील के दौरान कुछ बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ जाने की शिकायत मिली थी। जहां जांच के बाद नोरोवायरस मिलने का मामला सामने आया है।
केरल के विज्हिंजम में नोरोवायरस के दो मामले मिलने का मामला सामने आया है। केरल सरकार का कहना है कि राज्य के लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हमारे स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति का आकलन किया है। जिस क्षेत्र में संक्रमण पाया गया है, वहां के नमूने एकत्र कर परीक्षण किया गया है। इसके साथ ही लगातार स्वास्थ्य विभाग की टीमें मुस्तैदी से लगी हुई हैं। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज का कहना है कि जिन 2 बच्चों में नोरोवायरस पाया गया है फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।
मिडडे मील खाने से बिगड़ी बच्चों की तबीयत
केरल के अल्पुज्जा जिले के कायामकुलम प्राइमरी स्कूल में शनिवार को मिडडे मील खाने से 8 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। दरअसल बच्चों ने बासी खाने की शिकायत के चलते तबीयत खराब होने की शिकायत की थी। वहीं इलाज के दौरान दो बच्चों में नोरोवायरस संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद बच्चों के सैंपल जांच के लिए सरकारी लैब में भेजे गए थे। स्वास्थ्य मंत्री की लोगों से अपील है कि वे परेशान न हों और धैर्य का परिचय दें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नोरोवायरस का इलाज किया जा सकता है और इसके संक्रमण को भी रोका जा सकता है।
संक्रमण और गंदगी में पनपता है नोरोवायरस
नोरोवायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग का मत है कि यह वायरस गंदगी में ही जन्म लेता है। वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि नोरोवायरस (Norovirus) खासकर संक्रमण से और गंदगी से ज्यादा फैलता है। इसलिये इससे बचाव के लिये सफाई का विशेषकर ध्यान रखें। नोरोवायरस लोगों के करीब आने से और उन्हें छूने से फैलता है। नोरोवायरस से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी जन्म लेती है। इससे पेट और आंतों में सूजन आ जाती है और मरीज को गंभीर रूप से उल्टी व दस्त आने लगती है। स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का कहना है कि जिस मरीज के पेट में कीड़े हैं, उसके भीतर यह संक्रमण आ सकता है। वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो यह संक्रमण मल व उल्टी से भी काफी हद तक फैलता है।
नोरोवायरस के लक्षण
- उल्टी और मिचली महसूस होने के साथ ही पेट में दर्द, बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द होता है।
- इस वायरस पर कीटाणुनाशक भी काम नहीं करते हैं।
- ये 60 डिग्री तक के तापमान पर भी जिंदा रह सकता है।
- यह वायरस पानी को ब्वायल करने या फिर क्लोरीन डालने से भी नहीं मरता है।
- नोरोवायरस हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल के बावजूद जिंदा रह सकता है।
नोरोवायरस से कैसे करें बचाव ?
नोरोवायरस से बचाव के लिये लोगों को पानी खूब पीना चाहिये। इसके साथ ही सफाई का खासकर ख्याल रखें। बाहर से आने के बाद गुनगुने पानी से हाथों को धुलें। कोशिश करें कि जानवरों के संपर्क में आने से बचें। साथ ही ताजा खाना ही खाएं।