पंजाब: पटियाला में हिंसक झड़प के बाद इंटरनेट बैन, भगवंत मान सरकार ने और क्या एक्शन लिया?
पंजाब के पटियाला में 29 अप्रैल को काली मंदिर के पास दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई. जिसके बाद इलाके में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
पंजाब के पटियाला (Patiala) में 29 अप्रैल को काली मंदिर के पास दो गुटों के बीच हुई हिंसक झड़प हुई. जिसके बाद इलाके में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. साथ ही इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगा दी गई है. वहीं तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है. इससे पहले हालात पर काबू पाने के लिए 29 अप्रैल की रात 7 बजे से अगली सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया था. जानकारी के मुताबिक, हालात फिलहाल सामान्य हैं और श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर में आ रहे हैं.
दरअसल, हिंसा के बाद अफवाहों को रोकने के लिए पंजाब के गृह मंत्रालय के आदेश पर 30 अप्रैल को सुबह साढ़े 9 बजे से शाम 6 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी. मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है, “हाल ही में हुई घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तनाव, सार्वजनिक शांति के भंग होने, मानव जीवन और संपत्ति के लिए खतरा होने की आशंकाओं के कारण पटियाला जिले की सीमा के अंदर कानून-व्यवस्था को ध्यान रखते हुए और राष्ट्रविरोधी-असामाजिक तत्वों के मंसूबों को विफल करने के लिए एसएमएस, (2G/3G/4G/CDMA),डोंगल समेत सभी इंटरनेट सेवाएं बंद की जाती हैं.”
अधिकारियों के तबादले
राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार के आने के बाद यह पहली ऐसी घटना है. रिपोर्ट के मुताबिक, घटना की जानकारी मिलते ही सीएम मान ने पटियाला के आईजी राकेश अग्रवाल, एसएसपी नानक सिंह और एसपी हरपाल सिंह के ट्रांसफर के आदेश दे दिए हैं. अब मुखविंदर सिंह चिन्ना पटियाला के नए आईजी होंगे साथ ही दीपक पारिक को नया एसएसपी और वजीर सिंह को नया एसपी नियुक्त किया गया है.
CM के सख्त आदेश
राज्य में भड़की इस हिंसक घटना पर एक्शन लेते हुए सीएम ने मामले की जांच के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. भगवंत मान ने 29 अप्रैल को ट्वीट कर कहा, “पटियाला में हुई घटना पर DGP और सभी बड़े अधिकारियों की मीटिंग बुलाई. मामले की तुरंत जांच के निर्देश दिए हैं और अधिकारियों को सख़्त हिदायत दी है कि एक भी दोषी को बख्शा न जाए.”
सीएम के आदेश के बाद हिंसा भड़काने के आरोप में शिवसेना के हरीश सिंगला को गिरफ्तार कर लिया गया है. बीते दिन हुई घटना के विरोध में जिले के कई हिंदू संगठनों ने काली मंदिर के बाहर धरना देना शुरू कर दिया है.
मामला क्या है?
इंडिया टुडे से जुड़े ललित शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, पटियाला में 29 अप्रैल की सुबह करीब दस बजे हिंदू संगठन शिवसेना (बाल ठाकरे) की ओर से ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ निकाला गया. दरअसल आतंकी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो संदेश के जरिए 29 अप्रैल (शुक्रवार) को खालिस्तान के समर्थन में एक मार्च की अपील की थी. इसके विरोध में शिवसेना (बाल ठाकरे) के प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश सिंगला ने ‘खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च’ की घोषणा कर दी. पुलिस के मुताबिक इस मार्च से जुड़ी अफवाहें फैल गईं.
हिंदू संगठन का ये मार्च आर्य समाज मंदिर से होते हुए शहर के अंदरूनी हिस्सों में निकाला जाना था. इस बीच सिख कट्टरपंथियों ने काली मंदिर के पास मार्च का विरोध शुरू कर दिया. सुबह करीब 11 बजे शहर के काली देवी मंदिर के बाहर दोनों गुटों का आमना-सामना हो गया. धीरे-धीरे इस झड़प में पत्थरबाजी भी शुरू हो गई. इस दौरान कुछ कट्टरपंथियों ने तलवारों से हमला कर दिया, जिसमें थाना प्रभारी (एसएचओ) करणवीर सिंह जख्मी हो गए. इस हिंसक झड़प में कुल 20 लोगों को चोटें आई हैं. फिलहाल मामले की जांच जारी है.