निकाय चुनाव से पहले योगी सरकार की बड़ी जीत, जो कई सालों में नहीं हुआ वो चौरी चौरा नगर पंचायत में कर दिखाया
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सटे मुंडेरा बाजार को लेकर वर्षों से एक मांग चली आ रही थी। आखिरकार योगी सरकार की कोशिश के बाद ये पूरी हो गई। अब मुंडेरा बाजार को चौरी चौरा नगर पंचायत के नाम से जाना जाएगा। इसको लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी है।
नगरीय व्यवस्था शुरू होने के दौरान क्रांतिकारियों के नाम पर चौरी चौरा नगर पंचायत का नाम नहीं पड़ने को लेकर वर्षों से विवाद था। योगी सरकार के प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय भारत सरकार ने अनुमति देते हुए मुंडेरा बाजार नगर पंचायत को चौरी चौरा कर दिया है। इससे बीजेपी के कार्यकर्ताओं में खुशी तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इसे राजनीतिकरण का नाम दे रहे हैं। आने वाले निकाय चुनाव में इसका क्या असर पड़ेगा, यह तो वक्त बताएगा। अभी इसको लेकर गोरखपुर में राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है।
वैसे तो राजनीति में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस पार्टी की सत्ता होती है, वह अपने हिसाब से राज्य, जिलों और शहरों के नाम में परिवर्तन करते आए हैं। इसी कड़ी में गोरखपुर जिले के चौरी चौरा स्थित नगर पंचायत जो कभी मुंडेरा बाजार के नाम से जाना जाता रहा है, उसे अब चौरी चौरी के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद ये संभव हुआ। देवरिया के नगर पंचायत क्षेत्र तेलिया अफगान का नाम बदलकर तेलिया शुक्ल कर दिया गया है। इसको लेकर गोरखपुर और आसपास के राजनीतिक गलियारे में चर्चा भी शुरू हो गई है। लोगों का कहना है कि आगामी निकाय चुनाव में भी इसका असर दिखेगा।
चर्चाओं का बाजार गर्म
इन दोनों स्थलों के नाम बदले जाने के बाद से जहां एक तरफ बीजेपी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में खुशियां हैं, लोग इसे सरकार का सराहनीय कदम बता रहे हैं। दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के लोग इसे राजनीति करार दे रहे हैं। विपक्ष के लोगों का कहना है कि यह सरकार शहरों और स्टेशनों के नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं कर रही है।
क्या कहते हैं पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष
मुंडेरा नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेपी जयसवाल का कहना है कि यह नाम तो पहले ही बदल जाना चाहिए था। हमारी पहचान क्रांतिकारियों और शहीदों की वजह से है न कि अकबर जैसे लोगों से। मगर पूर्ववर्ती सरकारों ने चौरीचौरा क्षेत्र की जनता और शहीदों का अपमान किया है। पूर्ववर्ती सरकारों के समय में जो बिजली 4 घंटे मिला करती थी, वह आज 24 घंटे मिलती है। शहीदों के नाम शताब्दी वर्ष और देश के आजादी महोत्सव के दौरान यह नामकरण हम सभी के सम्मान के साथ ही चौरी चौरा के क्रांतिकारी शहीदों को भी श्रद्धांजलि और सच्चा सम्मान है।
सपा के लोगों की क्या है इस पर राय
सपा नेता कीर्ति निधि पांडेय ने कहा कि यह सरकार शहरों और स्टेशनों के नाम बदलने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है। नाम बदलना सिर्फ एक राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। इसके अलावा और कुछ नहीं, सरकार की कार्यप्रणाली के कारण निकाय चुनाव टल गए हैं। ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार बैकफुट पर है। लोग सरकार से महंगाई, विकास, रोजगार के मुद्दों पर चर्चा ना करें, इसीलिए इस तरह के कार्य वर्तमान सरकार द्वारा किए जाते रहे हैं, ताकि आम जनता का ध्यान इन सभी मुद्दों से भटकाया जा सके। हम इस तरह के नामकरण की घोर निंदा करते हैं।
क्या कहते हैं भाजपा के लोग
भाजपा नेता रणंजय सिंह जुगनू ने कहा की मुख्यमंत्री योगी की पहल पर गृह मंत्रालय द्वारा नगर पंचायत मुंडेरा बाजार का नाम अमर शहीदों के चौरी चौरा से जोड़ा जाना सम्मान की बात है। इसमें देवरिया के तेलिया अफगान, का नाम बदलकर तेलिया शुक्ल करना भी शामिल है। हम इस निर्णय का भरपूर स्वागत और सम्मान करते हैं। विपक्ष का तो काम ही है, हर बात का विरोध करना।
आम नागरिकों का क्या है कहना
हांलाकि इस नामकरण को लेकर आम जनता से जब बात की गई तो ज्यादातर लोगों का कहना था कि, सरकार का यह फैसला उचित है। हम सभी इसका सम्मान और स्वागत करते हैं। चौरी चौरा कांड अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांतिकारियों ने अंजाम दी थी। गांधी जी द्वारा चलाए जा रहे असहयोग आंदोलन के दौरान 4 फरवरी 1922 को अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करते हुए, थाना फुके जाने के नाम पर इसे याद किया जाता है। इसमें 22 पुलिसकर्मियों की जलकर मौत हो गई थी। अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता के दौरान कई क्रांतिकारी शहीद हुए थे, उसी स्थान को चौरी चौरा शहीदों के नाम से जाना जाता है। सरकार ने पिछले वर्ष इसे आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में भी मनाया।