दुधवा टाइगर रिजर्व में शराब पार्टी! अब नई तैनाती पर सवाल, 'दबंग' IAS किंजल सिंह की कहानी
यूपी की दबंग आईएएस अफसर किंजल सिंह एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं। उनको चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण महानिदेशक (DGME) के पद पर तैनाती दिए जाने के फैसले पर सवाल उठ गया है। इस नियुक्ति को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है।
5 जनवरी 1982 को यूपी के बलिया में पैदा हुईं किंजल सिंह 5 साल की उम्र में तब अनाथ हो गईं जब उनके पिता केपी सिंह की हत्या कर दी गई। साल 2008 में दूसरे प्रयास में किंजल सिंह आईएएस के लिए सेलेक्ट हुईं। जिस न्याय के लिए किंजल की मां सालों तक कोर्ट के दरवाजे खटखटाती रही वो न्याय किंजल ने उन्हें 2013 में दिलाया। 5 जून, 2013 को इस बेटी ने अपने पिता डीएसपी केपी सिंह की हत्या में शामिल 18 दोषियों को सजा दिलाई। उस समय किंजल सिंह बहराइच की डीएम थीं।
दुधवा टाइगर रिजर्व में शराब पार्टी का लगा था आरोप
लखीमपुर खीरी की डीएम रहते हुए किंजल सिंह पर नियम तोड़कर दुधवा टाइगर रिजर्व में देर रात तेज रफ्तार गाड़ी चलाने और वहां शराब पार्टी करने का आरोप लगा था। साथ ही यह आरोप भी लगा था कि उनकी वजह से एक बाघिन अपने 4 बच्चों के साथ रिजर्व को छोड़ कर आबादी वाले क्षेत्र में गन्ने के खेतों में घूम रही है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, किंजल पर आरोप लगाने वाले भी IFS अधिकारी हैं और उनका नाम पी.पी सिंह है।
गोंडा के डीएसपी रहते पिता की हुई थी हत्या
किंजल सिह के पिता केपी सिंह गोंडा के डीएसपी थे। 12 मार्च, 1982 को अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी थी। दरअसल वह सामूहिक झड़प के एक मामले की जांच करने माधवपुर गांव गए थे। वहां अपराधियों ने मिलकर उन्हें मार डाला।
सीतापुर में अफसर का मोबाइल फोन तोड़ डाला था
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 9 साल पहले 2014 में सीतापुर डीएम रहीं किंजल सिंह ने गुस्से में आकर सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी का मोबाइल फोन जमीन पर पटककर तोड़ डाला था। बताया गया कि मतदाता चौपाल के दौरान किंजल सिंह निरीक्षण के लिए कलेक्ट्रेट ऑफिस पहुंचीं। वहां दस्तावेजों को लेकर सहायक निर्वाचन अधिकारी शिखा श्रीवास्तव से उनकी बहस हो गई।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की रह चुकी हैं टॉपर
अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद किंजल ने दिल्ली के श्री राम कॉलेज में प्रवेश लिया। जिस साल किंजल की मां का निधन हुआ, उसी साल किंजल ने दिल्ली विश्वविद्यालय में टॉप किया था। मां के गुजर जाने के बाद किंजल ने अपनी छोटी बहन को भी दिल्ली बुला लिया। दोनों बहनों ने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी।
कैंसर की वजह से मां का साथ भी छूटा
छोटी सी उम्र में किंजल की मां उन्हें लेकर बलिया से दिल्ली तक का सफर तय करतीं और सुप्रीम कोर्ट आती थीं। वह अपने पति की हत्या का इंसाफ लेने के लिए सारा दिन कोर्ट में बैठतीं और गांव के लिए निकल जातीं। इंसाफ के लिए भागती दौड़ती मां विभा सिंह को कब कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया पता ही नहीं चला। इसी कैंसर की वजह से 2004 में उनका निधन हो गया.
छोटी बहन प्रांजल सिंह भी आईआरएस अफसर
किंजल सिंह की छोटी बहन प्रांजल का जन्म उनकी पिता की हत्या के बाद हुआ था। मां एक तरफ पति के हत्यारों को सजा दिलाने की लड़ाई लड़ रही थीं, दूसरी तरफ किसी तरह दोनों बेटियों का पालन पोषण भी कर रही थीं। प्रांजल भी आईआरएस अफसर हैं।