यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने दो केस में 10 लाख जुर्माना के साथ उम्रकैद सुनाई सजा
दिल्ली की विशेष अदालत ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
दिल्ली की विशेष अदालत ने अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसले के दौरान मलिक कोर्ट रूम में मौजूद रहे। यासीन मलिक पर फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है।
इससे पहले मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने यासीन मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया था। वहीं मलिक ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था।
अदालत ने प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत 19 मई को दोषी करार दिया था। उसने एनआईए के अधिकारियों को मलिक पर जुर्माना लगाए जाने के लिए उसकी वित्तीय स्थिति का आकलन करने के निर्देश दिए थे।
मलिक ने खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का नहीं किया विरोध
मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता। इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं।
अदालत ने पूर्व में, फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मसरत आलम, मोहम्मद युसूफ शाह, आफताब अहमद शाह, अल्ताफ अहमद शाह, नईम खान, मोहम्मद अकबर खांडे, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भट, जहूर अहमद शाह वटाली, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख तथा नवल किशोर कपूर समेत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय किए थे।
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया गया, जिन्हें मामले में भगोड़ा अपराधी बताया गया है।
कड़ी सुरक्षा में कोर्ट ने सुनाई यासीन को सजा
यासीन मलिक की सजा पर अदालत का फैसला आने से ठीक पहले पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वहीं श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे। अधिकारी ने बताया कि लाल चौक की कुछ दुकानों सहित मैसूमा और आसपास के इलाकों में ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे।