बाराबंकी: व्हाट्सएप के जरिए लाखों रुपये का चूना लगा रहे परिचालक
मोबाइल फोन के व्हाट्सएप ग्रुपों से जुड़े परिचालक परिवहन विभाग को हर महीना लाखों का चूना लगाकर अपनी जेबें भर रहे हैं।
मोबाइल फोन के व्हाट्सएप ग्रुपों से जुड़े परिचालक परिवहन विभाग को हर महीना लाखों का चूना लगाकर अपनी जेबें भर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों समेत एसटीएफ भी विभागीय कर्मियों व परिचालकों के मजबूत गठबंधन को तोड़ नहीं सकी। मुख्यालय से चेकिंग टीम के निकलते ही सूचना साझा होने लगती है। परिचालकों के सहयोग से ही एक-दो पर बिना टिकट जुर्माना कर टीआई नौकरी चला रहे हैं।
परिचालकों के एंड्रायड मोबाइल व्हाट्सएप पर वेंकटेश्वर, गौरीनंदी, अवधूतेश्वर महादेव, महाकालेश्वर, मानसरोवर, भगवत गीता, अजयश्रीराम नाम के ग्रुपों को देख कर लगता है कि धार्मिक व आस्थावान लोग आपस में जुड़े होंगे, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इन ग्रुपों में जिला ही नहीं, पूरे प्रदेश के परिवहन विभाग के परिचालक जुड़े हैं। हाईवे के बारा टोल प्लाजा पर सुबह नौ बजे मुख्यालय के अधिकारी ने बस चेक की। सूचना सभी ग्रुपों में वायरल होने पर हाईवे व बाराबंकी मार्ग पर बसों में सवारियों के टिकट पूरे बना लिए गए और अन्य मार्गों पर परिचालक फ्री हैंड हो गए।
मुख्यालय की टीम ने 11 बजे बाराबंकी के मदारपुर में बस को चेक किया तो सब कुछ सही मिला। सफदरगंज पहुंची एक बस को चेक किया। ग्रुपोंं में बराबर लोकेशन साझा होती रही। मुख्यालय की टीम के आगे बढ़ने पर हैदरगढ़ मार्ग, हाईवे पर बिना टिकट से निजी कमाई शुरू हो गई। नाम न छापने की शर्त पर परिचालक ने बताया कि संबंधों के आधार पर टीआई स्वयं भी पहले सूचना देते हैं, जिससे बचने का मार्ग तय हो जाता है।
विभाग की ओर से मोबाइल चेक करने के आदेश हुए और जांच टीम ने स्क्रीन शाॅट लेकर जांच के लिए भेजा। विभाग से एसटीएफ की मदद लेने की चर्चा भी है, लेकिन इस पर अंकुश नहीं लगाया जा सका। आरएम आरके त्रिपाठी ने बताया कि जांच में पता चलने पर कई परिचालकों पर कार्रवाई हुई और संविदा तक समाप्त कर दी गई है।