बाराबंकी: पार्श्वगायक जावेद अली के द्वारा कुन फाया कुन फाया कुन फाया... पर झूमें बाराबंकी वासी
देवा मेला के ऑडिटोरियम का सांस्कृतिक मंच बॉलीवुड के कुन फाया फेम गायक जावेद अली के सुरों से झूम उठा। उनके गीतों का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला और उनकी शानदार प्रस्तुतियों पर मंत्रमुग्ध हो गए। देर रात तक जावेद के गीतों पर दर्शक सुर से सुर मिलाते रहे।
बॉलीवुड के मशहूर पार्श्वगायक जावेद अली ने कार्यक्रम की शुरुआत कुन फाया कुन फाया कुन फाया...गाकर की। उसके बाद उन्होंने फिल्म बजरंगी भाईजान का गाया हुआ अपना गीत तू जो मिला तो मिल गई हर मंजिल... सुनाया तो लोग झूम उठे। फिल्म जोधा अकबर का गीत कहने को जश्ने बहारा है दिल ये देख के हैरां है, फूलों से खुशबू खफा-खफा है गुलशन में, छुपा है कोई रंज फिज़ा की चिलमन में गाया तो पूरा ऑडिटोरियम प्रेम रस से सराबोर नजर आया। सारे शहर में नजारे हैं... को लोगों ने खूब पसंद किया।
इसके बाद उन्होंने फिल्म पुष्पा का चर्चित गीत तेरी झलक अशरफी श्रीवल्ली, नैना मदक बर्फी तेरी झलक अशरफी श्रीवल्ली, बातें करे दो हर्फी.. गाकर मंच से लेकर दर्शक दीर्घा तक लोगों को झुमा दिया। इसके बाद उन्होंने कई गीत सुनाए।
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर बनकर...
देवा (बाराबंकी)। देवा महोत्सव के ऑडिटोरियम में मंगलवार की शाम गजलों के नाम रही। गजल गायक मिथिलेश लखनवी ने अपनी सुरीली आवाज में कई गजलें पेश कर माहौल को सूफियाना बना दिया। मिथिलेश लखनवी ने खामोश लब हैं झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फत नई-नई है.... गाकर कार्यक्रम की जोरदार शुरुआत की। उसके बाद उन्होंने चांद अंगड़ाइयां ले रहा है, चांदनी मुस्कुराने लगी है..., हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफि बनकर... जैसी तमाम गजलें प्रस्तुत कर लोगों को आनंदित किया।